मंगलवार, 15 फ़रवरी 2022

बजट चीज क्या है? जान लीजिए

 

1 फरवरी को संसद में आम बजट पेश किया जाएगा... बजट को लेकर काउंटडाउन भी शुरू हो गया है... आमतौर पर आपने सुना होगा कि आम बजट पेश होगा लेकिन हकीकत में इसे यूनियन बजट कहा जाता है। लेकिन ये यूनियन बजट होता क्या है। ये कब से चलन में है। और क्यों इसे फरवरी के महीने में ही पेश किया जाता है। ऐसी कई बातें हैं जिसे जानना आपके लिए बेहद जरूरी है। इस वीडियो को अंत तक देखिएगा क्योंकि आम बजट को लेकर इतने आसान भाषा में बजट का डेफिनेशन आपने अब तक कही नहीं सुना होगा। संविधान में बजट शब्द का जिक्र नहीं है जिसे बोलचाल की भाषा में आम बजट कहा जाता है उसे संविधान के आर्टिकल 112 में एनुअल फाइनेंशियल स्टेटमेंट कहा गया है.. आम बजट में सरकार की आर्थिक नीति की दिशा दिखाई देती है.. इसमें मंत्रालयों को उनके खर्चो के लिए पैसे का आवंटन होता है.. मोटे तौर पर इसमें आने वाले साल के लिए वित्तीय लेखा-जोखा का ब्योरा पेश किया जाता है.. आम बोल चाल की भाषा में अगर कहे तो बजट का मतलब देश की आय-व्यय का हिसाब-किताब... आम बजट या फिर यूनियन बजट का मतलब ठीक उसी तरह से है जैसे आप अपने घर का बजट बनाते हैं कि कितने पैसे कमाएंगे, कितने खर्च करेंगे और अंत में कितने पैसे बचाएंगे। लेकिन आम आदमी और सरकार के बजट में एक मामूली सा अंतर होता है। वह अंतर ये है कि आप अपने घर का बजट बनाते हैं और सरकार पूरे देश का। केंद्रीय बजट सरकार के खर्चों की एक विस्तृत रिपोर्ट होती है. इसे सरकार की सालाना फाइनेंशियल रिपोर्ट भी कह सकते हैं जिसमें वो अपनी आमदनी और खर्चों का हिसाब-किताब देती है और आगे की योजनाएं बताती है... अब आइए बजट से जुड़े कुछ टर्म्स और प्रक्रियाओं का मतलब समझाने की कोशिश करते हैं। हर साल आम बजट के साथ बजट एस्टिमेट पेश होता है. जैसा कि नाम से ही जाहिर होता है, इसमें सरकार आने वाले वित्तीय वर्ष में कितने खर्च और कमाई का अनुमान है, ये बताती है. सरकार बताती है कि उसे उस वित्तीय वर्ष में इंडिविजुअल इनकम टैक्स, कॉरपोरेट इनकम टैक्स, कस्टम ड्यूटी और GST रेवेन्यू, डिविडेन्स, पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग से आने वाले प्रॉफिट और डाइवेस्टमेंट जैसे दूसरे स्रोतों से कितनी कमाई मिलने की उम्मीद है. बजट एस्टिमेट में सरकार अपनी कमाई के साथ-साथ अपने खर्चों का अनुमान भी जारी करती है. इसके तहत बताया जाता है कि उस वित्तीय वर्ष में उसके अलग अलग मंत्रालयों और विभागों में किन-किन योजनाओं पर कितने पैसे खर्च होने का अनुमान है... अब बात करते हैं बजट पेश करने से पहले किन किन प्रक्रियाओं से गुजरना होता है.. सबसे पहले जनवरी की शुरूआत में बैंक एसोस‍िएशंस, उद्योग समूहों के प्रत‍िन‍िध‍ियों और जाने-माने अर्थशास्‍त्र‍ियों से व‍ित्‍त मंत्री की मीट‍िंग होती है। व‍ित्‍त मंत्री सबकी सलाह सुनते हैं, हालांक‍ि उस सलाह को बजट में शाम‍िल करने या न करने का अंत‍िम फैसला उनका ही होता है। बजट पेश होने से पहले अंतिम सप्‍ताह में व‍ित्‍त मंत्रालय के बेसमेंट में मौजूद प्रेस में बजट दस्‍तावेजों की प्र‍िंट‍िंग होती है। बजट पेश होने के एक सप्‍ताह पहले तक 100 कर्मचार‍ियों को ब‍िल्‍कुल अलग रखा जाता है, ताक‍ि कोई गोपनीय सूचना लीक न हो। बजट भाषण के दो द‍िन पहले प्रेस इंफार्मेशन ब्‍यूरो के अध‍िकारी काम में लग जाते हैं। लगभग 20 अफसरों पर ह‍िंदी, अंग्रेजी और उर्दू में प्रेस र‍िलीज बनाने की ज‍िम्‍मेदारी होती है। बजट भाषण शुरू होने से पहले उन्‍हें बाहर नहीं न‍िकलने द‍िया जाता। फिर व‍ित्‍त मंत्री संसद में बजट पेश करने से पहले भारत के राष्‍ट्रपत‍ि और केंद्रीय मंत्र‍िमंडल के समक्ष बजट का संक्षेप पेश करते हैं। कैब‍िनेट को बजट भाषण से कुछ देर पहले संक्ष‍िप्‍त ब्‍योरा द‍िया जाता है। इसके बाद बजट को संसद में रखा जाता है. सामान्‍यत: बजट द‍िन के 11 बजे संसद में रखा जाता है। भारत में इसका इतिहास देखा जाए तो यह 180 साल पुराना है। 7 अप्रैल 1860 को देश का पहला बजट ब्रिटिश सरकार के वित्त मंत्री जेम्स विल्सन ने पेश किया था। हर साल की तरह इस बार भी 1 फरवरी 2022 को संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश का आम बजट पेश करेंगी। लेकिन कुछ साल पहले तक फरवरी के पहले दिन नहीं, बल्कि आखिरी दिन बजट पेश किया जाता था। यानी 28 फरवरी या 29 फरवरी को। यह परंपरा सर बेसिल ब्लैकैट ने 1924 में शुरू की थी, जो वर्ष 1999 तक जारी रही... तो आशा करते हैं दोस्तों इस वीडियो को देखकर बजट के दौरान उपयोग किये जाने वाले भारी भरकम शब्द जैसे राजकोषीय घाटा, विनिवेश, कैपिटल गेन्स टैक्स, पुनर्पूंजीकरण से रू-ब-रू जरूर हो गये होंगे.. ऐसे में आपके लिए अब जरूरी होता है कि इस वीडियो को ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच शेयर कीजिए ताकी हर कोई खुद से आम बजट को समझना सीखें

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