आवाज के जादूगर मन्ना डे
यादगार गानों को अपनी आवाज से सजाने वाले फनकार
प्रबोध चंद्र डे....जिन्हें हम सभी मन्ना डे के नाम से जानते हैं...जिनकी आवाज के
दीवाने ना सिर्फ ऑडियंस थी बल्कि उसमें मोहम्मद रफी का नाम भी शामिल था... मोहम्मद रफी कहा करते थे, "सारी दुनिया मेरे गाने सुनती है, मैं तो सिर्फ मन्ना डे के गाने सुनता हूं... मन्ना डे
एक नाम ही नहीं ये वो याद है जो सदा सबके साथ रहेगी...हिन्दी के साथ-साथ मन्ना डे
ने बंगाली में भी कई गाने गाए जो काफी सुपरहिट हुए...मन्ना डे ने लगभग 4,000 से ज्यादा
गाने गाए हैं और हर एक गाना अपने आप में बेहद खूबसूरत था...फिल्म 'श्री 420' का
गाना 'ये रात
भीगी-भीगी' मन्ना डे और लता मंगेशकर ने गाया था...आज भी लोग इस
गाने को पसंद करते हैं वहीं इसी फिल्म के दसरे गाने भी बेहद हिट हुए...फिल्म
पड़ोसन का 'एक चतुर नार बड़ी होशियार' गाने
को मन्ना डे ने किशोर कुमार और महमूद के साथ गाया था..और ये गाना बॉलीवुड के
संगीत इतिहास का अमर गाना बन गयाहै...इसके साथ ही उन्होंने फिलम बॉबी में ना चाहू
सोना चांदी जैसे हिट गीत को अपनी आवाज दी...वक्त फिल्म का सदाबहार गीत ए मेरी जोहरा जबी को भला हम कैसे भूल सकते
हैं...मन्ना डे की आवाज में स,जा ये गाना एक लीजेंड़्री सॉन्ग बन गया...मन्ना डे
अपने करियर में हर मूड के गाने गाए...मस्ती भरे भी और इमोशनल बी...हर गीत में उनका
अंदाज बेहद खास रहा...मनना डे राजेश खन्ना के बड़े फैन थे...उन्होंने राझेस खन्ना
के लिए भी गाने गाए जो काफी हिट रहे....मन्ना डे के सभी गाने दिल पर एक छाप छोड़ते
हैं....'यशोमती
मैया से बोले नंदलाला', 'तू प्यार का सागर है तेरी एक बूंद के प्यासे हम', ''यह रात
भीगी-भीगी', 'यारी है ईमान मेरा',', 'नदिया चले चले रे धारा' चलत
मुसाफिर मोह लियो रे, दिल का हाल सुने दिलवाला जैसे गाने आज भी शिद्दत से
सुने और पसंद किए जाकते हैं...मन्ना डे को अपने बेहतरीन योगदान के लिए साल 1971 में
पद्म श्री, साल 2005 में पद्म भूषण और साल 2007 में
दादा फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था....24 अक्टूबर 2013 को
मन्ना डे को दिल का दौरे पड़ने से निधन हो गया था...लेकिन आज भी अपने गानों के
जरिए हमारे दिलों में जिंदा है।
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