दिलों को दिवाना बनाने
वाली सुनिधि चौहान
मन सात समुंदर डोल गया ,जो तू आंखों से बोल गया सांग ने जहां पैर थिरकने पर मजबूर
कर दिया वहीं मेरे हाथ, में तेरा हाथ हो सारी
जन्नतें मेरे साथ हो सांग से करोड़ो दिलों को दिवाना बनाने वाली सुनिधि चौहान आज
किसी परिचय मोहताज नहीं....उन्होंने ने एक से बढ़ कर एक सुपरहिट गाने दिये
हैं...सुनिधि बतौर प्लेबैक सिंगर न सिर्फ बॉलीवुड़ बल्कि मराठी,कन्नड़ ,तेलुगु,पंजाबी फिल्मों के गानों को भी अपनी आवाज दी...सुनिधि महज 4 वर्ष की थी जब उनके करियर की शुरूआत हुई.. लेकिन नन्ही
सुनिधि की जिंदगी तब बदली जब टीवी एंकर तब्बसुम ने उनकी गायिकी को देखा, और सुनिधि के माता-पिता को मुंबई आने के लिए कहा.... इसके बाद मुम्बई आकर सुनिधि ने रियलिटी
शों 'मेरी आवाज सुनों' में पार्टिसिपेट किया..1999
में आई फिल्म
मस्त का रुकी रुकी सी जिन्दगी और उसके टाइटल ट्रैक ने सुनिधि को इन्डस्ट्री में
पहचान दिलाना शुरु कर दिया...सुनिधि ने ये शो जीता और साथ ही लता मंगेशकर की
ट्रॉफी भी जीती...सुनिधि का जन्म दिल्ली में हुआ और वो अपनी पढ़ाई के बारे में
बताती हैं कि उनका पढ़ाई में बिल्कुल मन नही लगता था वो बस इतना पढ़ती थी जिससे
एग्जाम में पास हो जायें ....उनके पिता एक गुजराती गायक हैं.. और सुनिधि उन्हे ही
अपनी प्रेरणा मानती हैं....इसमें कोई शक नहीं कि सुनिधि जितनी अच्छी सिंगर है उनकी
पर्सनालिटी भी उतनी आकर्षक है... वो फैशनिस्टा आइकॉन भी रह चुकी हैं उन्होंने 2013 में एशिया की टॉप 50
सेक्सियस्ट लेडीज
में भी अपनी जगह बनाई... सुनिधि का पहला कॉनसर्ट जागरण में गा कर हुआ था....आपको
बता दे कि सुनिधि ने अपना पहला इंटरनेशनल शो अमिताभ बच्चन ,अनुपम खेर के साथ किया उस वक्त सुनिधि बहुत छोटी थी
उन्होंने मोरनी बागा में नाचे आधी रात को सांग गाय था और अमिताभ जी ने उनकी बहुत
तारीफ की......ये बहुत कम ही लोग जानते
हैं सुनिधि की पहली शादी सिर्फ 18 साल की उम्र में
कोरियोग्राफर बॉबी खान के साथ 2002 में हुई थी लेकिन वो
सिर्फ 1 साल तक ही चल पाई, और 2003 में उनका तलाक हो
गया..करीब 9 साल बाद 24 अप्रैल 2012 को उन्होने म्यूजिक
कम्पोजर हितेश सोनिक से की..और हाल ही में जनवरी में उन्होने एक बेटे को जन्म
दिया...सुनिधि का मानना है कि इन्डस्ट्री में इन दिनों सांग्स को लेकर बहुत
कॉम्पटीशन है, एक फिल्म के सारे गाने
अलग अलग सिंगर से गवाए जाते है ऐसे में वो अपने आपको खुशनसीब मानती है कि चमेली और
कैश मूवी के साऱे गाने उन्ही की झोली में आए.........परिनिता का कैसी पहेली
जिन्दगानी, मुझसे शादी करोगी, बीड़ी जलइले, मन सात समन्दर डोल गया, भागे रे मन कहीं. क्रेजी किया रे, मेरे संग तो चल, सजना जी वारी वारी, यही होता प्यार है क्या,
लकी ब्वाय, रेस सांसो की, देसी गर्ल, देखो न नशे में, डास पे चांस. जैसे गानों
ने उन्हे उन्हे एक ऐसी पहचान दी है जिसके सपने हर कोई देखता है आज सुनिधि न सिर्फ
गा रही है बल्कि अपनी मैरिड लाइफ भी जमकर इन्ज्वाय कर रही है...सूर्या समाचार की
तरफ से सुनिधि के संहर्ष को हमारा सलाम..
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