रविवार, 2 दिसंबर 2018

बरखुरदार प्राण

बात बुलंद आवाज और ख़ास अंदाज की चले तो अपने खास तेवर के लिए मशहूर अभिनेता प्राण का नाम खासतौर पर सामने आता है .... गंभीर आवाज में 'बरखुरदार' कहने का वो खास अंदाज भला कौन नहीं पहचानेगा...वो प्राण ही थे जो अपने बेमिसाल अभिनय से हर किरदार में प्राण डाल देते थे... फिर चाहे वह 'उपकार' में अपाहिज का किरदार हो या 'जंजीर' में अक्खड़ पठान का. ..प्राण ऐसे एक्टर थे जिनका चेहरा हर किरदार को निभाते हुए ये अहसास छोड़ जाता था कि उनके बिना इस किरदार की पहचान झूठ  है...12 फरवरी, 1920 को दिल्ली में पैदा हुए प्राण का पूरा नाम प्राण कृष्ण सिकंद था… अपनी एक्टिं से ऑडियंस को कायल करने वाले प्राण अभिनेता नहीं, बल्कि एक फोटोग्राफर बनना चाहते थे...लेकिन किस्मत  ने उनके लिए कुछ और ही सोच रखा था...लेखक मोहम्मद वली ने प्राण को सबसे पहले पंजाबी फिल्म 'यमला जट' में काम करने का मौका दिया...ये फिल्म काफी हिट रही ... इसके बाद प्राण ने कई और पंजाबी फिल्मों में काम किया और लाहौर फिल्म जगत में सफल खलनायक के रूप में नाम कमाया....  देश के बंटवारे के बाद प्राण ने लाहौर छोड़ दिया और वे मुंबई आ गए.. लाहौर में चाहे प्राण ने काफी नाम कमाया लेकिन उन्हें हिन्दी सिनेमा में पांव जमाने के लिए एक‍ नए कलाकार की तरह संघर्ष करना पड़ा...सबसे पहले उन्हें बॉम्बे टॉकीज की फिल्म 'जिद्दी' में काम मिला...जिसके बाद प्राण ने कभी पीछे मुढ़कर नहीं देखा...उन्होंने 'आजाद', 'मधुमती', 'दिल दिया दर्द लिया', 'राम और श्याम', 'जॉनी मेरा नाम', जैसी  फिल्मों में खलनायक के रूप में नजर आए...प्राण एक ऐसे एक्टर थे जिन्होंने हर रोल को बखुबी पर्द पर उतारा..फिर चाहे पिता का रोल हो, डाकू का रोल हो या फिर पुलिस का किरदार...अपनी एक्टिंग से उन्होंने हर किरदार को यादगार बना दिया...प्राण ने करीब 400 फिल्मो में काम किया ... “राम और श्याम” फिल्म में उन्होंने ऐसी चतुर और क्रूर खलनायकी दिखाई कि लोगो ने प्राण से नफरत करना शुरू कर दिया लेकिन यही  नफरत उनके किरदार की सफलता की पहचान बनीं... | प्राण जब तक खलनायक का किरदार निभाते रहे , तब तक उतने ही मशहूर रहे जितने कि चरित्र अभिनेता का किरदार निभाकर...फिल्म “जिस देश में गंगा बहती है में प्राण ने राका डाकू का किरदार निभाया था.. प्राण की कडकती आवाज ने राका डाकू का किरदार तो पसंद किया लेकिन दर्शको का प्यार नही मिल सका ...इसके बाद मनोज कुमार ने प्राण को “उपकार में मंगल चाचा का किरदार देकर खलनायकी के घेरे से पुरी तरह आजाद करा दिया ...मंगल चाचा के किरदार को प्राण ने अपने अभिनय कौशल से हमेशा के लिए अमर बना दिया... मनोज कुमार की ज्यादातर फिल्मो में प्राण खलनायक से कही ज्यादा चरित्र भूमिका निभाते थे..जिनमें “शहीद” , “पूरब और पश्चिम” , “बेईमान” , “सन्यासी” , “दस नम्बरी” , “पत्थर के सनम” जैसी फिल्में शामिल हैं... | 1973 में आयी फिल्म जंजीर...| अमिताभ बच्चन की इस पहली हिट फिल्म में शेर खा  का किरदार प्राण के निभाये चरित्र किरदारों में सबसे बेहतरीन किरदार माना जाता है ...आगे चलकर अमिताभ बच्चन के साथ उनकी कई फिल्मे सफल हुई जिनमें “डॉन” , “अमर अकबर अन्थोनी” , “मजबूर” , “दोस्ताना” , “नास्तिक” , “कालिया ” और “शराबी” जैसी सुपरहिट फिल्में शामिल हैं... ये उनकी एक्टिंग का ही कमाल था की उन्होंने हर बड़े एक्टर के साथ काम किया...कहा जाता है कि उस दौर में हीरो से ज्यादा प्राण की फीस होती थी...प्राण कितने लोकप्रीय थे इस बात का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि फिल्मो में कास्टिंग के दौरान पर्दे पर सबसे आखिरी में “and PRAN” लिखा आता था ताकि दर्शको को ये नाम अलग से दिखाई दे ...हिंदी सिनेमा में अहम योगदान के लिए 2001 में उन्हें भारत सरकार के पद्म भूषण सम्मान से नवाजा गया ..साथ ही साल 1997 में उन्हें फिल्म फेयर के लाइफ टाइम अचीवमेंट खिताब से सम्मानित किया गया |...अपने लम्बे फ़िल्मी करियर और शानदार सफलता को देखते हुए साल 2012 का दादा साहब फाल्के सम्मान दिया गया...और  12 जुलाई 2013 को इस शानदार अभिनेता ने प्राण त्याग दिए और पीछे छोड़ गए अपनी एक्टिंग  वो जादू जो हमेशा यादकिया जाएगा।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें