रविवार, 2 दिसंबर 2018

सुरैया


सुरैया
सुरीली आवाज की मल्लिका सुरैया ने गायिकी के साथ-साथ अभिनय से भी लोगों को अपना दीवाना बनाया...अनमोल घड़ी, दिल्लगी,ऑफिसर, मिर्जा गालिब और रुस्तम सोहराब जैसी फिल्में उनके बेमिसाल अभिनय और गायिकी की पहचान बयां करती है...सुरैया का जन्म 15 जून 1929 को पंजाब के गुजरांवाला शहर में एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था...वह अपने माता-पिता की इकलौती संतान थीं...बचपन से ही सुरैया का रुझान संगीत की ओर था और वह पार्श्व गायिका बनना चाहती थीं... हांलाकि उन्होंने किसी उस्ताद से संगीत की शिक्षा नहीं ली थी बावजूद इसके संगीत के ऊपर उनकी काफी पकड़ थी... 1937 में सुरैया ने बतौर बाल कलाकार फिल्म सोचा था से हिंदी सिनेमा में एंट्री की...उसके बाद 1941 में सुरैया फिल्म ताजमहल की शूटिंग देखने पहुंची और यहां उनकी मुलाकात फिल्म के निर्देशक नानु भाई वकील से हुयी..जिन्हे सुरैया में फिल्म इंडस्ट्री का एक उभरता हुआ सितारा दिखाई दिया और उन्होंने सुरैया को फिल्म के किरदार मुमताज महल के लिये चुन लिया... इसके बाद आकाशवाणी के एक कार्यक्रम के दौरान संगीत सम्राट नौशाद ने जब सुरैया को गाते सुना तब वह उनके गाने के अंदाज से काफी प्रभावित हुये। नौशाद के संगीत निर्देशन में पहली बार कारदार साहब की फिल्म शारदा में सुरैया को गाने का मौका मिला... इस बीच सुरैया को वर्ष 1946 में प्रदर्शित निर्माता निर्देशक महबूब खान की अनमोल घड़ी में भी काम करने का मौका मिला...हांलाकि सुरैया इस फिल्म में सहअभिनेत्री थी लेकिन फिल्म के एक गाने सोचा था क्या-क्या हो गया.. वह बतौर पा र्श्व गायिका श्रोताओ के बीच अपनी पहचान बनाने में काफी हद तक सफल रही।...इसके बाद फिल्म शमा, मिर्ज़ा ग़ालिब, दो सितारे, खिलाड़ी, सनम, कमल के फूल, शायर, जीत, विद्या, अनमोल घड़ी, हमारी बात जैसी फिल्मों में शानदार अभिनय किया... अभिनय के अलावा सुरैया ने कई यादगार गीत दिए...जो अब भी काफी लोकप्रिय है...इन गीतों में सोचा न क्या मै दिल में दर्द बसा लाइ ” “तेरे नैनो ने चोरी किया ” “तू मेरा चाँद मै तेरी चांदनी ” “मुरली वाले मुरली बजा जैसे हिट गीत शामिल हैं... सुरैया और देवानंद की प्रेमकहानी भी काफी फिल्मी रही...फिल्म अफसर के दौरान देवानंद का झुकाव सुरैया की ओर हो गया था... एक गाने की शूटिंग के दौरान देवानंद और सुरैया की नाव पानी में पलट गयी...देवानंद ने सुरैया को डूबने से बचाया... इसके बाद सुरैया देवानंद से बेइंतहा मोहब्बत करने लगी, लेकिन सुरैया की नानी की इजाजत न मिलने और हिंदू मुस्लिम की वजह से इस जोड़ी की मोहब्बत भी परवान नहीं चढ़ सकी... और दोनों की राहें अलग हो गईं,... साल 1963 में आई फिल्म रुस्तम सोहराब के बाद सुरैया ने खुद को फिल्म इंडस्ट्री से अलग कर लिया...लगभग तीन दशक तक अपनी जादुई आवाज और अभिनय से दर्शकों का दिल जीतने वाली भारतीय सिने जगत की महान पा र्श्व गायिका और अभिनेत्री सुरैया ने 31 जनवरी 2004 को इस दुनिया आखुरी विदाई ले ली...

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