बुधवार, 19 जनवरी 2022

केले के फल में बीज नही होता है, तो उसका पेड़ कैसे उग जाता है?

                   

सिविल सर्विस परीक्षा, जितनी कठिन होती है उतना ही कठिन इसका इंटरव्यू होता है..  और इंटरव्यू में कई बार ऐसे सवाल पूछे जाते हैं। जो कैडिडेट्स को मुश्किलों में डाल देते हैं... हलांकि सवाल ऐसे होते हैं, जिससे केंडिटेट्स के प्रजेंस ऑफ़ माइंड का पता लगाया जाता है... आज हम अपने वीडियो में एक ऐसे ही सवाल का जवाब ढूंढने की कोशिश कर रहे है... दोस्तों यह तो हम सभी जानते हैं कि खेतों में लहलहाने वाली फसल हो या फिर सालो तक मजबूती के साथ खड़े रहने वाला कोई विशाल वृक्ष... हर पेड़ और पौधा बीज से तैयार होता है.. हर पौधे का जन्म एक बीज से होता है और वह बीज उसी पौधे के फल में पाया जाता है... लेकिन केले के फल के अंदर कोई बीज नहीं पाया जाता... तो फिर केले के नए पौधों का जन्म कैसे होता है... दरअसल केला एक पार्थेनोकार्पिक पौधा है...  और वनस्पति विज्ञान के तहत पार्थेनोकार्पिक शब्द का उपयोग किया जाता है... यह शब्द ग्रीक से आया है, जिसका अर्थ है कुंवारी फल... साधारण तौर पर फल बनाने के लिए फूलों को परागण और निषेचित करने की आवश्यकता होती है... लेकिन पौधों की कुछ प्रजातियों में, एक अलग विधि विकसित हुई है, जिसमें न तो निषेचन की आवश्यकता होती है और न ही परागण की...  पार्थेनोकार्पिक यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जैसा कि केले के मामले में होता है... केले बाँझ होते हैं ऐसे में वो बीज का उत्पादन नहीं करते हैं...  इसिलिए केले का बीज उसके पल में नहीं बल्कि जड़ में होता है... हर केले के पेड़ की जड़ में कम से कम चार या पांच स्वस्थ बड़े बीज होते हैं... यानी हर पौधा जब पेड़ बनता है तो अपने साथ कम से कम 5 नई पेड़ों के लिए बीज तैयार करके जाता है.. केले के पुराने कंद से उगने वाला पौधे शुरुआत में अपने भोजन को मूल पौधे से प्राप्त करता है, लेकिन बहुत कम समय के भीतर वे अपने पत्ते और जड़ बनाना शुरू कर देते हैं। मूल पौधा तब खत्म हो जाता है जब फल को काट दिया जाता है... केले का फल स्वास्थ्य के लिए भी काफी अच्छा होता है... मान्यताओं के मुताबिक घर में तुलसी के पौधे के बाद केले के पेड़ का सबसे ज्यादा महत्व बताया गया है.. कहते हैं भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए केले का पौधा लगाना चाहिए.. ग्रहों में यह बृहस्पति का प्रतिनिधि वृक्ष है.. उम्मीद करता हूं आपको ये जानकारी रोजक लगी होगी.. अगर आप आगे भी एसी साइंटिफिक फैक्ट्स के बारे में जानने चाहते हैं तो हमें सब्सक्राइव कजिए और कॉमेंट बॉक्स में अपनी राय जरूर लिखीए...

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें