जल ही जीवन है… पर साफ और स्वच्छ पानी नहीं
मिलने के कारण आज अधिकतर लोग बीमार हो रहे हैं... हलांकि हर आम इंसान तक शुद्ध
पानी कैसे पहुंचे इसके लिए विशेषज्ञों ने वाटर प्यूरीफायर का अविष्कार किया.. वाटर
प्यूरीफायर पानी में मौजूद केमिकल और अन्य पदार्थ को अलग कर पानी को साफ और पीने
लायक बनाता है..
आज हम इस वीडियो में आपको बताएंगे की पानी
को पीने लायक बनाने के लिए किसी विधि का प्रयोग किया जाता है.. वैसे आप लोग अपने
घरों में या फिर दफ्तर में वाटर प्यूरीफायर जरूर यूज कर रहे होंगे... लेकिन क्या
आप जानते हैं कि किस टेक्नॉलजी के आधार पर पानी को पीने लायक बनाया जाता है.. आप
इस वीडियो को अंत तक देखिएगा इस वीडियो में आगे हम आपको बताएंगे कि वर्तमान समय
में उपयोग की जाने वाली RO यानी की रिवर्स ऑस्मोसिस
और UF अल्ट्रा फिल्ट्रेशन क्या होती है और इन दोनों में क्या अंतर होता
है.. और दोनों में कौन सा प्यूरीफायर बेहतर होता है... हम सभी ने RO
Water Purifier के बारे में जरूर सुना होगा लोकिन
शायदा RO का मतलब हम में से बहुत कम लोगों को मालूम होगा... दरअसल RO को ही रिवर्स ऑस्मोसिस कहा जाता है.. यह घरों
में सबसे ज्यादा उपयोग होने वाला वाटर प्यूरीफायर सिस्टम है.. हलांकि रिवर्स
ऑस्मोसिस एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसके तहत पानी के तरल पदार्थों को एक सेमी
परमेबल मेम्ब्रान में से अलग किया जाता है,
तो पानी Lower Concentration से Higher
Concentration की तरफ जाता है... रिवर्स ऑस्मोसिस वाटर
प्यूरीफायर क्रॉस फिल्ट्रेशन के सिद्धांत पर काम करते हैं जिसमें पानी निकलने की 2
आउटलेट होते हैं... एक साफ पानी के लिए और दूसरा अशुद्ध पानी को बाहर निकालने के
लिए.. इस अशुद्ध पानी को Reject Water भी कहते हैं... RO Purifier में जब पानी सेमी
परमेबल मेम्बरान से निकलता है तो यह मेंब्रान उसमें से 99% TDS यानी की Total Dissolved Solids को निकाल देती है.. इस फिल्टर का उपयोग
घरों और कंपनियों में किया जाता है... RO की प्रक्रिया में हम पानी के इसी गुण को Reverse या
उल्टा करते हैं। इसके लिए बिजली का उपयोग किया जाता है जो कि एक बाहरी बल का काम
करती है जिसे हम रिवर्स ऑस्मोसिस कहते हैं... समुद्र के पानी से नमक को अलग करना
रिवर्स ऑस्मोसिस प्रक्रिया का एक उदाहरण है
और अब बात करते है UF यानी की अल्ट्रा फिल्ट्रेशन वाटर प्यूरीफायर टेक्नॉलोजी की... RO Water Purifier की तुलना में UF Water Purifier में
ज्यादा बड़े छिद्र वाली Membrane यूज किया जाता है...
अल्ट्रा फिल्ट्रेशन फिल्टर
से वायरस, बैक्टीरिया और दूसरे Micro Organism खत्म
हो जाते हैं... इसमें हाइड्रोस्टेटिक प्रेशर की सहायता से पानी को सेमी परमेबल
मेम्ब्रान से निकाला जाता है.. इसमें सबसे खास बात यह है कि इस प्रक्रिया में बिजली
का उपयोग नहीं होता है.. यह Gravity Based
Water Purifier होते हैं....अल्ट्रा फिल्ट्रेशन वाटर प्यूरीफायर से TDS अशुद्धियां के साथ साथ पानी में मौजूद आरसेनिक
और लीड जैसी अशुद्धियां दूर नहीं होती है... इस मशीन को चलाने के लिए बिजली
की आवश्यकता नहीं होती है.. यह एक Gravity पर आधारित वाटर प्यूरीफायर है.. और इसको आसानी
से साफ किया जा सकता है जिससे इसका रखरखाव आसान है... तो दोस्तों हम अपनी जरूरत के
हिसाब से कोई भी वॉटर प्यूरीफायर का उपयोग कर सकते हैं.. आज के इस बदलते समय में
हर दिन नई टेक्नोलॉजी आ रही हैं.. आने वाले दिनों में और भी नई टेक्नोलॉजी का
उपयोग किया जा सकता है जिससे हमें साफ और स्वच्छ पानी मिल सकेगा.. उम्मीद है कि
आपोक ये जानकरी अच्छी लगी होगी.. आप में से कितने लोगों को इसके वाटर प्यूरीफायर
के बारे में नहीं पता था वो कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं... अगर आपको ये वीडियों
अच्छी और उपयोगी लगीं तो अपने दोस्तों से शेयर करना ना भूलें।
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