बुधवार, 19 जनवरी 2022

किसान दिवस क्यों मनाया जाता


हम भोजन के बिना जीवित नहीं रह सकते..... और भोजन का अधिकांश हिस्सा हमें किसानों के उपजाए हुए अनाज और फल-सब्जियों से मिलता है... किसान खेतों में मेहनत कर के जो उपजाते हैं, उन्हीं से हमारा पेट भरता है... किसान न हो तो हमारा अस्तित्व नहीं रह पाएगा... लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में किसान दिवस कब और क्या मनाया जाता है.... हमारे इस वीडियों को अंत तक देखिएगा आपको किसान दिवस से जुड़ी बहुत अहम जानकारी मिलने वाली है.... आज 23 दिसंबर है... और आज पूरे देश में राष्ट्रीय किसान दिवस मनाया जा रहा है... दरअसल इसी दिन भारत के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का जन्म हुआ था, जिन्होंने किसानों के जीवन और स्थितियों को बेहतर बनाने के लिए कई नीतियों की शुरुआत की थी... भारत सरकार ने साल 2001 में चौधरी चरण सिंह के सम्मान में हर साल 23 दिसंबर को किसान दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया था... और इस खास मौके पर किसानों के मसीहा कहलाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को किसान समेत देश भर के लोग उन्हें याद कर रहे हैं.. दरअसल चौधरी चरण सिंह को भारतीय किसानों की स्थिति में सुधार लाने का श्रेय दिया जाता है.. खुद किसान परिवार से होने के कारण वे किसानों की समस्या और स्थिति से अच्छी तरह वाकिफ होते थे, इसलिए उन्होंने किसानों के लिए कई सुधार कार्य किए थे.. चौधरी चरण सिंह को जमीनी और अपनी धुन के पक्के नेताओं में शुमार किया जाता रहा है.. यहां तक कि उन्होंने अपनी केंद्र की गठबंधन सरकार को भी एक जिद के चलते ही कुर्बान कर दिया था और पीएम पद से तिलांजलि दे दी थी... उन्होंने 21 अगस्त, 1979 को अपनी 23 दिनों की सरकार का इस्तीफा राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी को सौंप दिया था.. उन्होंने साफ कहा था कि भले ही उनकी सरकार चली जाए, लेकिन वह इंदिरा गांधी की कांग्रेस से समर्थन नहीं लेंगे.. किसानों के नेता होने के साथ ही चौधरी चरण सिंह को पिछड़े वर्ग की आवाज के तौर पर भी याद किया जाता है... आज यूपी में जाट, यादव, गुर्जर जैसी ओबीसी बिरादरियों की जो मजबूत लामबंदी दिखती है, उसको आवाज देने का काम चौधरी चरण सिंह ने ही किया था... देश के प्रधानमंत्री के रूप में अपने छोटे से कार्यकाल के दौरान चौधरी चरण सिंह ने किसानों की भलाई के लिए कड़ी मेहनत की... 1962-63 तक, उन्होंने सुचेता कृपलानी के मंत्रालय में कृषि और वन मंत्री के रूप में भी कार्य किया.. उन्होंने किसानों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं भी शुरू कीं. किसानों को साहूकारों और उनके अत्याचारों से राहत देने के लिए, उन्‍होंने 1939 में ऋण मोचन विधेयक वापस पेश किया था... 2001 में, तत्कालीन सरकार ने चरण सिंह की जयंती को किसान दिवस के रूप में घोषित किया... सादा जीवन जीने में विश्वास रखने वाले चौधरी चरण सिंह ने अपना अधिकांश खाली समय पढ़ने और लिखने में बिताया करते थे... उन्‍होंने अपने जीवनकाल में कई किताबें भी लिखी है.. उनकी प्रसिद्ध रचनाएं हैं.. सहकारी खेती एक्स-रे, जमींदारी का उन्मूलन....  भारत की गरीबी और इसका समाधान... आज पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का ही योगदान है कि देश का किसान आज देश की प्रगति में बड़ा योगदान दे रहा है... किसान दिवस को मनाने के पीछे एक और उद्देश्य यह भी है कि यह कृषि क्षेत्र की नवीनतम सीखों के साथ समाज के किसानों को सशक्त बनाने का विचार देता है.. केंद्र और राज्यों की सरकारें किसानों के लिए कई तरह की योजनाएं चलाती हैं... इस विशेष दिवस का उद्देश्य ही यही है कि किसानों के योगदान को सराहा जाए.. देश में इस अवसर पर किसान जागरूकता से लेकर कई तरह के कार्यक्रम होते हैं

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