बुधवार, 19 जनवरी 2022

देश की पहली महिला IAS अधिकारी अन्ना राजम मल्होत्रा

 

        

UPSC के सिविल सर्विस एग्जाम को देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है और हर साल लाखों छात्र इसमें शामिल होते हैं.... लेकिन कुछ को ही सफलता मिलती है... रवींद्रनाथ टैगोर के बड़े भाई सत्येंद्रनाथ पहले भारतीय थे, जिन्होंने सिविस सेवा परीक्षा में सफलता हासिल की थी, लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि भारत की पहली महिला आईएएस अधिकारी कौन थीं... ऐसे में आज इस वीडियो में हम आपको उस महिला शख्सियत के बारे में रू-ब-रू कराने जा रहे हैं जिन्होंने अपनी काबिलियत के बल पर देश का नाम रोशन किया... जी हां आज हम अपने इस वीडियो में बात कर रहे हैं... कि कैसे उस बहादुर महिला ने पुरुष प्रधान समाज में संघर्ष के बलबूते अपनी पहचान बनाई और श्रेष्ठता के आयाम गढ़े... जरा सोचिए वो थी आजाद भारत की पहली महिला IAS अधिकारी लेकिन जब वो आईएएस चुनी गई थीं तो उनके नियुक्ति पत्र में एक शर्त थी कि अगर उन्होंने शादी की तो उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दी जाएगी... हलांकि कुछ ही साल बाद वो शर्त बतौर नियम खारिज कर दी गई... 1950 में जब अन्ना ने सिविल सर्विस की परीक्षा पास की और वो इंटरव्यू तक पहुंची, तब यूपीएससी चेयरमैन आरएन बनर्जी की अध्यक्षता वाले इंटरव्यू पैनल ने अन्ना के महिला होने के कारण उन्हें प्रशासनिक सेवा न करने का मशवरा दिया और कहा कि वो विदेश या केंद्रीय सेवाओं का विकल्प चुन लें... लेकिन, अन्ना ने अपने तर्कों और क्षमताओं के हवाले से प्रशासनिक सेवाओं का विकल्प ही चुना और देश की पहली आईएएस बनीं... प्रशासनिक अधिकारी के रूप में अन्ना की पहली पोस्टिंग मद्रास राज्य में हुई थी तब मुख्यमंत्री सी राजगोपालचारी उन्हें उप जिलाधिकारी के रूप में तैनाती देने से हिचकिचा रहे थे, लेकिन बाद में उन्हें मद्रास राज्य में होसूर जिले में उप जिलाधिकारी पद पर तैनाती दी गई.. इस पद को प्राप्त करने वाली भी वो पहली महिला थीं.. अन्ना की पहली पोस्टिंग के समय उनके महिला होने के कारण उनकी रैंक के मुताबिक पद दिए जाने को लेकर भी बाधाएं रहीं... उस समय के मुख्यमंत्री सी राजगोपालाचारी के बारे में भी कहा जाता है कि वो एक महिला के आईएएस अधिकारी बनने की बात को पचा नहीं पा रहे थे.... बहरहाल समय समय पर उन्हें अपनी क्षमताओं को सिद्ध करना पड़ा और आज उनकी क्षमताएं सबके लिए मिसाल बनीं... अन्ना ने अपने पूरे करियर के दौरान कई उपलब्धियां हासिल की... उप जिलाधिकारी से कृषि सचिव के पद तक पहुंचीं अन्ना राजम मल्होत्रा ने इंदिरा गाँधी, राजीव गाँधी सहित तमिलनाडु के सात मुख्यमंत्रियों के साथ काम किया.. इंदिरा गाँधी जब फूड प्रोडक्शन पैटर्न को समझने के लिए आठ राज्यों की यात्रा पर गई थी, तब उनके साथ अन्ना राजम मल्होत्रा भी थी. इसके अलावा अन्ना राजम मल्होत्रा ने साल 1982 में दिल्ली में हुए एशियाई खेलों का प्रभारी होने के चलते राजीव गांधी के साथ भी काम किया है... केन्द्रीय सेवा में नियुक्ति होने के बाद अन्ना राजम मल्होत्रा ने केन्द्रीय गृह मंत्रालय में भी अपनी सेवा दी है. इसके बाद जब अन्ना राजम मल्होत्रा रिटायर हो गई तो उसके बाद उन्होंने होटल लीला वेंचर लिमिटेड के डायरेक्टर पद पर काम किया... अन्ना राजम की इन्हीं खुबियों, कार्यप्रणाली और दुरदर्शिता को देखते हुए 1989 में उन्‍हें पदम भूषण अवार्ड से सम्‍मानित किया गया.. अन्ना राजम मल्होत्रा का जन्म 17 जुलाई 1924 को केरल के एर्नाकुलम जिले में हुआ था और उन्होंने अपनी अपनी स्कूली शिक्षा केरल के कोझिकोड से पूरी की थी. इसके बाद वह चेन्नई चली गईं और मद्रास यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया...सिविल सेवा में रहते हुए अन्ना राजम जॉर्ज ने अपने बैचमेट आर एन मल्होत्रा से शादी करके अन्ना राजम मल्होत्रा हो गई थीं... भारत एक ऐसा देश है जहां पर महिलाओं को देवी का दर्जा दिया जाता है... यह दर्जा शायद यूं ही नही दिया गया है... भारत के निर्माण में अन्ना राजम मलहोत्रा जैसी महिलाओं ने भी योगदान दिया है जिसे आज की युवा पीढ़ी शायद ही जानती है..

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