इंसान को लगता है की वह दुनिया में सबसे ज्यादा ताकतवर है.. लेकिन वह भूल जाता है कि दुनिया में सबसे ज्यादा ताकतवर कई है तो वो इंसान नही बल्कि नेचर है और नेचर सबसे ज्यादा दयालु भी है... आप तो जानते ही होंगे की पूरी दुनिया मे एक जैसा मौसम नही होता है.. कहीं पर बहुत ज्यादा ठंड पड़ती है तो कही पर गर्मी... इसी क्रम मे आज हम बात कर रहे है दुनिया की ठंडी जगह के बारे मे.. जी हां आज हम आपको दुनिया की उन सबसे ठंडी जगहों के बारे में बताने वाले हैं, जहां का तापमान -65 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे चला जाता है... हालांकि भारत में भी कुछ ऐसे इलाके हैं, जहां ज्यादा ठंड पड़ती है... यहां तापमान कभी-कभी शून्य से भी नीचे चला जाता है और भारी बर्फबारी होती है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है... लेकिन क्या आप दुनिया के ठंडे देशों के बारे में जानते हैं, जिनके कुछ इलाके तो पूरे साल बर्फ की चादर से ढंके रहते हैं.. जी हां दुनिया में ऐसी कुछ जगह हैं, जहां का तापमान इतना नीचे चला जाता है कि इंसान का खून जमने लगता है... दुनिया में ऐसे-ऐसे शहर भी हैं, जहां इतनी ठंड पड़ती है कि लोगों को पानी पीने के लिए भी बर्फ को पिघलाना पड़ता है. इनमें से बहुत सारे शहर आर्कटिक सर्कल से केवल कुछ किलोमीटर ही दूर हैं... यदि आप सर्दी में रहने के आदी नहीं हैं, तो इन स्थानों पर जाना आपके लिए खतरनाक हो सकती है. मगर इंसान का स्वभाव, और जिंदा रहने की उसकी इच्छाशक्ति इन स्थानों पर जीवन को आसान बना सकती है. वहां जीवन गुजार रहे लोग इसके जीते-जागते उदाहरण हैं... आइए इस कड़ी में सबसे पहले बात करते हैं ग्रीनलैंड की... ग्रीन लैंड डेनमार्क राजशाही के अधीन एक स्वायत्त घटक देश है, जो आर्कटिक और अटलांटिक महासागर के बीच कनाडा आर्कटिक द्वीपसमूह के पूर्व में स्थित है... चारों तरफ से समुद्र से घिरा हुआ यह देश दुनिया के सबसे ठंडे देशों में से एक है... यहां गर्मियों के मौसम में भी तापमान शून्य होता है.. क्षेत्रफल के मामले में ग्रीनलैंड दुनिया का 12वां सबसे बड़ा देश है और ब्रिटेन से 10 गुना ज़्यादा बड़ा है. इसके 20 लाख वर्ग किमी. में चट्टान और बर्फ़ हैं... ग्रीनलैंड की जनसंख्या सिर्फ़ 56 हज़ार है जो इंग्लैंड के लगभग एक शहर के बराबर है. यहां की 88 प्रतिशत जनसंख्या इनूएट की है और बाक़ी डेनिश लोग रहते हैं... आपको बता दें कि ग्रीनलैंड को दुनिया का सबसे बड़ा द्वीप कहा गया है। अपने अधिकांश हिस्से में बर्फ की चादर ओढ़े हुए ग्रीनलैंड काफी खूबसूरत दिखाई देता है। इसकी खूबसूरती के कारण पर्यटकों के लिए भी यह द्वीप आकर्षण का केंद्र है। जहां एक तरफ भौगोलिक दृष्टि से यह द्वीप उत्तरी अमेरिका का भाग है। वहीं दूसरी ओर 18 वीं सदी के बाद से यूरोप से सियासी संबंध जोड़े हुए है।
अब बात करते है आइसलैंड की... आइसलैंड गणराज्य
उत्तर पश्चिमी यूरोप में उत्तरी अटलांटिक में ग्रीनलैंड, फरो द्वीप समूह और नॉर्वे के
मध्य बसा एक द्वीपीय देश है... ग्रीनलैंड की तरह आइसलैंड भी दुनिया के सबसे ठंडे
देशों में से एक है.. यहां का तापमान आसानी से माइनस 10 डिग्री सेल्सियस तक गिर
सकता है.. अगर हम यह कहें कि भगवान ने पूरी फुर्सत से आइसलैंड का निर्माण किया है
तो इसमें कोई दो राय नहीं होगी.. आइसलैंड में आप जहां भी सिर घुमाकर देखेंगे आपको
बेहद खूबसूरत और पिक्चर परफेक्ट प्राकृतिक दृश्य नजर आएगा... आमतौर पर आपने भूरे
रंग के पहाड़ देखे होंगे या फिर पेड़ पौधों से भरे हों तो पहाड़ों और पर्वतों का
रंग हरा नजर आता है और अगर बर्फ से ढकी पहाड़ियां हों तो पहाड़ का रंग सफेद होगा।
लेकिन क्या आपने कभी पिंक, येलो, पर्पल
या ब्लैक कलर के पहाड़ देखे हैं? अगर नहीं तो चले आइए
आइसलैंड के लैंडमैन्नालॉगर जहां आपको दिखेंगे मल्टीकलर राइयोलिट के पहाड़। यह एक पॉप्युलर डेस्टिनेशन है जहां
नेचर लवर्स के साथ ही हाइकिंग में दिलचस्पी रखने वाले लोग भी आते हैं.. आइसलैंड की
बहुत सी नदियां ऐसी हैं जो ग्लेशियर आइस, ग्रीनस्केप और
ज्वालामुखी की राख से होते हुए बहती हैं। अगर आप आकाश से देखें तो ज्वालामुखी की
राख से होकर बहती हुई नदियां आपको किसी बेहद खूबसूरत डिजिटल आर्ट या काल्पनिक
पेंटिंग जैसी दिखेंगी। इसे देखने भी आइसलैंड में दूर-दूर से पर्यटक आते हैं।
अब बात करते हैं एक ऐसी जगह की जहां चलते चलते
जावनर बर्फ में तब्दील हो जाते हैं... जी हां हम बात कर रहें है कजाकिस्तान की.. आर्कटिक
सर्कल के अंदर स्थित यह देश रूस के ठीक नीचे स्थित है.. सर्दियों के मौसम में यहां
का तापमान शून्य से भी नीचे चला जाता है.. लेकिन यहां हमेसा ठंड के सारे रिकॉर्ड
टूटते रहते हैं... यहां की ठंड नें पुरे कजाकिस्तान को हिला कर रख देता है... यहां
का आलम ऐसा होता की कभी कभी जानवर जमकर पत्थर हो जाते हैं... आप इन होश उड़ाने
वाली तस्वीरों को देख कर अंदाजा लगा सकते हैं...
जानलेवा ठंड सिर्फ यहीं नहीं बल्कि दुनिया भर
में कई और भी ऐसे डेस्टीनेशन है जहां की ठंड जीवन पर भारी पड़ता है लेकिन यहां
लुत्फ उठाने के लिए पर्यटक दूर दूर से आते हैं... अब बात करते है रूस के कुछ ऐसे
इलाकों की जहां की ठंड अपने आप में एक अगल कहानी बताती है.. रूस के साइबेरियाई इलाके में ओइमयाकॉन एक ऐसी जगह है जहां सालो भर ठंड
पड़ती है... आर्कटिक सर्कल से सिर्फ कुछ
सौ किलोमीटर दूर 500 की आबादी वाला यह गांव
ओइमयाकॉन, धरती पर सबसे ठंडे जगहों में से एक है. जनवरी में
यहां का औसत तापमान -50 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है...
यहां ठंड इतनी भीषण होती है कि इंजनों को बंद होने से बचाने के लिए यहां के निवासी
अपनी गाड़ियों को हीटेड गैरेज में पार्क करते हैं... चेहरे पर फ्रेम जम जाने के
कारण यहां के लोग चश्में तक नहीं पहनते. यहां खेती करना नामुमकिन है, इसलिए यहां के लोग रेनडियर या मछली खाते हैं, और
यहां तक कि खुद को गर्म रखने के लिए मैकरॉनी के साथ घोड़े के खून से बने बर्फ के
क्यूब्स का सेवन करते हैं..
पृथ्वी पर सबसे ठंडे स्थान की बात होती है तो
कनाडा का भी नाम आता है.. कनाडा को दुनिया के सबसे ठंडे देशों में से एक माना जाता
है। यहां इतनी ठंड पड़ती है कि समुद्र का पानी तक जम जाता है। सर्दियों के दौरान
लगभग पूरे कनाडा में भारी बर्फबारी होती है और तापमान शून्य से 40 डिग्री नीचे तक
गिर सकता है... यहां सर्दियों में इतनी ठंड बढ़ जाती है
कि आमतौर पर लोग ठंड से बचने के लिए घर के अंदर ही रहते हैं.
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