बुधवार, 19 जनवरी 2022

जानिए पुलिस कैसे ट्रैक करती है अपराधी का लोकेशन


 हलों दोस्तों आज इस वीडियो में हम जानेंगे कि पुलिस किसी चोरी हुए मोबाइल फोन को या फिर मोबाइल फोन के जरिए किसी अपराधी को कैसे Track करती है.. फिल्मों को देखकर हम सभी के मन में यह सवाल जरूर उठता है कि क्या हम भी फोन को ट्रैक कर सकते हैं या नहीं... दोस्तों इस वीडियो को अंत तक देखिएगा फिर आपको पता चल जाएगा कि आखिर कैसे पुलिस मोबाइल फोन ट्रैक करके अपराधी या फिर मोबाइल चोर को पकड़ती है... इस वीडियो में हम जानेंगे कि मोबाइल ट्रैकिंग कैसे की जाती है... मोबाइल फोन के बदौलत अपराधी को तीन तरह से ट्रेक किया जा सकता है... पहला जीपीएस ट्रैकिंग, दूसरा आईपी एडरेस से और तीसरा IMEI Number ट्रैकिंग सिस्टम से.. जब भी किसी का मोबाइल खो जाता है तो वह उस समय पुलिस स्टेशन जाता है जहां वह जाकर अपने खोए हुए मोबाइल फोन की रिपोर्ट लिखवाता है जिसके बाद पुलिस उस व्यक्ति से उसका IMEI नंबर मांगती है जो हमें मोबाइल फोन खरीदते समय IMEI नंबर हमें मिलता है उसी की मदद से पुलिस हमारे मोबाइल फोन को खोजना शुरू कर दी है... लेकिन क्या आपको पता है कि IMEI number क्या होता है... नहीं पता है तो हम आपको बताते हैं.. दरअसल IMEI जिसका पुल फॉर्म होता है international mobile equipment identity. और IMEI नंबर सभी मोबाइल कंपनियों द्वारा मोबाइल को एक अलग पहचान देने के लिए उसमें IMEI number दिया जाता है और इसकी मदद से गायब या चोरी हुए मोबाइल फोन की लोकेशन का पता किया जा सकता है... जब हम मोबाइल खरीदते हैं तो मोबाइल फोन के बॉक्स पर IMEI नंबर लिखा होता है... आप अपने IMEI Number को मोबाइल फोन से भी आसानी से जान सकते हैं इसके लिए हमें अपने डॉयलर पैड पर जाकर *#06# को लिखना होगा जिसके बाद हमें हमारा IMEI नंबर हमारे मोबाइल स्क्रीन पर दिख जाएगा.. पुलिस इसी मोबाइल IMEI नंबर को सभी टेलीकॉम ऑपरेटर या सिम ऑपरेटर कंपनी के पास भेज देती है और उनसे कह दिया जाता है कि आप इस IMEI number को सर्विलांस पर रखिए... उसके बाद अगर कोई उस मोबाइल फोन में सिम कार्ड डाला और फोन को चालू किया तो मोबाइल का location सिम ऑपरेटर कंपनी को तुरंत मिल जाती है... अब बात करते हैं दूसरे तरीका GPS यानी की Global Positioning System से पुलिस कैसे अपराधियों को ट्रैक करती है... GPS mobile tracking काफी आसान और सरल तरीका है इसमें सबसे जरूरी GPS system हमारे मोबाइल फोन में मौजूद होना चाहिए और जिस मोबाइल फोन को हम ट्रैक कर रहे है उसमें GPS on होना चाहिए... अब बात करते है IP Address के बदौलत किसी अपराधी पुलिस कैसे पहुंचती है... दरअसल जब हम सिम कार्ड खरीदने जाते हैं तो हमें आधार कार्ड देना पड़ता है जिससे हमें हमारा सिम कार्ड मिलता है और कंपनी को जानकारी हो जाती है कि यह सिम कार्ड इस व्यक्ति का है... ठीक उसी प्रकार आईपी एड्रेस होता है जब हम Internet का इस्तेमाल करते हैं तो यह आईपी एड्रेस Telecom company द्वारा हमें दिया जाता है.. लेकिन हमें यह जानकर हैरानी होगी कि टेलीकॉम कंपनी आईपी एड्रेस खुद नहीं बनाती है टेलीकॉम कंपनियों को आईपी एड्रेस देने वाली संस्थान IANA यानी Internet Assigned Numbers Authority है जो सभी टेलीकॉम कंपनियों को आईपी एड्रेस प्रोवाइड कराती है.. जब भी कोई अपने फोन से इंटरनेट का इस्तेमाल करता हैं तो उस वक्त उसके मोबाइल में आईपी ऐड्रेस जेनरेट होता है... और जब हम किसी Website या Apps पर visit करते है तो उनके पास हमारा आईपी ऐड्रेस पहुंच चुका होता है जो अपराधी के real time location को ट्रैक कर लेता हैं और फिर यह पता चल जाता है कि अपराधी ने किस किस मोबाइल से उस website या Apps पर visit किया है.. यानी की जब तक अपराधी इंटरनेट का इस्तेमाल करता हैं तब तक ही उसके रियल टाइम लोकेशन या वर्तमान लोकेशन का पता चलता रहता है... आईपी एड्रेस की सहायता से पुलिस अपराधियों पर दबिस आसानी से दे सकती है बशर्ते उसे कोर्ट से मंजूरी लेना पड़ता है... अगर पुलिस Keypad Mobile को ट्रैक करती है तो इसमें काफी समय लगता है क्योंकि यह प्रक्रिया IMEI नंबर के द्वारा की जाती है और इसमें GPS भी नहीं लगा होता है इससे पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ती है... तो दोस्तों आशा करते हैं अब इस वीडियो को देखने के बाद आप सबको ये पता चल गया होगा कि पुलिस किसी चोरी हुए मोबाइल फोन को या फिर मोबाइल फोन के जरिए किसी अपराधी को कैसे Track करती है.. अपको ये वीडियों कैसा लगा कमेंट बॉक्स में अपना कॉमेंट लिखना मत भूलिएगा

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