सर्दियों का मौसम जोर पकड़ चुका है... खास कर हर साल
की तरह इस साल भी जनवरी में पड़ने वाली ठंड हर किसी को बहुत
परेशान कर रही है... लेकिन ठंड से सीनियर सिटीजन कुछ ज्यादा ही परेशान रहते हैं.
आखिर ऐसा होता क्यों है.. तो आइए आज इस वीडियो में
हम कुछ वैज्ञानिक कारण बताने की कोशिश करते हैं कि आखिर बुजुर्गों को किस वजह
से ज्यादा सर्दी लगती है... दरअसल हर इंसान के खान-पान रहन-सहन और शरीर की आंतरिक क्षमता
के अनुसार उसे ठंड लगती है.. और ठंड सबसे पहले Skin पर महसूस होती है इसिलिए रोएं
खड़े हो जाते हैं.. जब शरीर के पहले सुरक्षा घेरे यानी त्वचा को ठंढ महसूस होता है
तब त्वचा के ठीक नीचे मौजूद थर्मो-रिसेप्टर नर्व्स दिमाग को तरंगों के रूप में
संदेश भेजती हैं कि ठंड लग रही है... यह साधारण सी फीलिंग अलग-अलग इंसान के शरीर
में अलग-अलग स्तर पर होती है.. त्वचा को ठंड लगी तो पूरा शरीर कैसे संभलने लगता है. इसके
पीछे कहानी ये है कि त्वचा से निकलने वाली तरंगें दिमाग के हाइपोथैलेमस में
पहुंचती हैं... हाइपोथैलेमस ही शरीर के आंतरिक तापमान और पर्यावरण का संतुलन बनाता
है... संतुलन बनाने की प्रक्रिया में रोएं खड़े होते हैं... क्योंकि उनके नीचे की
मासंपेशियां सिकुड़ने लगती हैं... हाइपोथैलेमस शरीर के नर्वस सिस्टम यानी तंत्रिका तंत्र को यह
बताता है कि शरीर के तापमान में गिरावट महसूस हो रही है... डॉक्टर बतलाते हैं कि बुजुर्गों को सर्दी में ज्यादा ठंड इसलिए लगती
है क्योंकि ज्यादा उम्र में मेटाबोलिज्म काफी कम हो जाता है, जिस वजह से लोगों को ठंड लगती है... उम्र बढ़ने के
साथ स्किन के नीचे जो फैट की लेयर होती है, वो भी धीरे धीरे
पतली हो जाती है. इससे शरीर का इन्सुलेशन कम होता जाता है, जिससे
बुजुर्गों को सर्दी में ठंड का अहसास ज्यादा होता है... बुजुर्गों को ज्यादा सर्दी
लगने का वजह एक यह भी माना जाता है कि उनमें ब्लड फ्लो का असर पड़ता है.. दरअसल
शरीर में सुपरफिशिएल वेन्स होती हैं जो शरीर के तापमान को स्थिर रखने में मदद करती
हैं.. लेकिन ज्यादा उम्र होने पर बुजुर्गों के नसों में ब्लड फ्लो कम हो जाता है,
जिस वजह से बुजुर्गों को ठंड ज्यादा लगती है.... रिसर्चर बुजुर्गों
को ज्यादा ठंड लगने की वजह स्किन थर्मोरेसेप्टर्स को भी एक अहम कारण मानते हैं...
एक्चुअली शरीर की स्किन में थर्मोरेसेप्टर्स विशेष कोशिकाएं होती हैं, जो तापमान में अंतर का पता लगाने में सक्षम होती है... ये अपने स्थान और
संख्या की वजह से स्किन की संवेदनशीलता को निर्धारित करती हैं... ऐसे में
बुजुर्गों के थर्मोरेसेप्टर घनत्व में कमी हो जाती है, जिस
वजह से उन्हें ठंड ज्यादा लगती है... कई रिसर्चर यह कहते हैं कि लिंग, उम्र और जीन्स पर भी यह निर्भर करता
है कि इंसान को कितनी सर्दी लगेगी. क्योंकि जिस प्रकार लोगों के जूते का साइज एक
दूसरे से अलग होता है, उसी तरह उनमें मौजूद तापमापी सेंसरों
की संख्या भी अलग हो सकती है. साथ ही उनकी ठंड महसूस करने की क्षमता भी अलग होती
है एक यह दावा भी है कि बुजुर्ग लोग तब तक नहीं कांपते, जब
तक तापमान काफी ज्यादा नीचे न जाए. जबकि, युवा थोड़ा सा ही
तापमान गिरने पर कांपने लगते हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि युवाओं की तुलना में
बुजुर्गों द्वारा सर्दी महसूस करने की क्षमता उम्र के साथ कम होती जाती है... तो
दोस्तों आपके घर में भी कोई बुजुर्ग हैं तो सर्दी के दिनों में उनका ख्याल जरूर
रखिएगा.... अगर आपको यह वीडियो अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर कीजिएगा और
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