बुधवार, 19 जनवरी 2022

सांप सीधे चलने के बजाय बाएं से दाएं क्यों रेंगते हैं?

                                 

सांप वो प्राणी है जिसका नाम सुनते ही हर किसी के रोंगटे खड़े हो जाते हैं.. सांप का नाम ही थरथराहट पैदा करता है लेकिन सांप का नाम आते ही हर किसी के जेहन में ये सवाल उठता है कि आखिर सांप सीधे चलने के बजाय बाएं से दाएं क्यों रेंगते हैं.. दूसरे जानवरों की तरह उसके पैर क्यों नहीं होते आइए जानते हैं साप के पैरों से जुड़ी इस दिलचस्प जानकारी के बारे में जो आपको एकबार चौंकने पर मजबूर कर देगीवैज्ञानिकों ने सांप के जीवाश्मों का गहन अध्ययन करके इस बात का पता लगाया है कि सांप के पैर क्यों नहीं होते.. दरअसल सांपों के पैर नहीं होते हैं इसलिए वे नहीं चल सकते... वे रेंगते हैं यानी जमीन के साथ-साथ खिसकते हुए... दरअसल सांप अपने लचीले शरीर का उपयोग करके चलते हैं.. सांपों की एक लंबी रीढ़ होती है जिससे पसलियां जुड़ी होती है... इन पसलियों से जुड़ी मांसपेशियां सांप को हिलने या रेंगने में मदद करती है... आपको शायद जान कर हैरानी होगी लेकिन अगर आप यह समझते हैं कि सांप केवल एक ही तरीके से चल सकता है, तो आप गलत सोचते हैं.. जी हां आज के इस वीडियो में हम आपको बताएंगे कि कैसे अलग अलग सांपों के चलने के अलग अलग अंदाज हो सकते हैं.. आपको जानकर हैरानी होगी कि सांपों के चलने के कुल 5 प्रकार होते हैं... पहला सर्पेटाइन लोको मोशन, दूसरा साइडविंडिग लोकोमोशन, तीसरा कॉन्सर्टिना, चौथा रेक्टिलिनियर मोशन औऱ पांचवा सलाइड पुशिंग मोशन.... सरपेंटाइन लोकोमोशन वह कॉमन सांप के चलने का तरीका होता है, जो हमने फिल्मों में या अपने आसपास सांपों को चलते हुए देखा हैं, चलने की प्रक्रिया के दौरान सांप इग्लिश लेटर के S आकार बना कर चलता है, उसे ही सरपेंटाइन लोकोमोशन कहते हैं... सांप के इस तरीके के motion में जब सांप चलता है, तब सांप ज्यादातर खुद को या तो सरफेस के मुकाबले या किसी भी ऑब्जेक्ट से खुद को पुश करता है... सांप के रेंगने का दूसरा तरीका है साइड वाइंडिंग लोकोमोशन इसके तहत सांप का यह मोशन किसी रेगिस्तान में बहुत ही सूखे जगह में देखा जाता है। क्योंकि ऐसे सूखे जगहों में surface इतना गर्म होता है कि सांप कम से कम अपनी बॉडी को सरफेस से कांटेक्ट में लाना चाहते हैं... इस तरह की मूवमेंट में सांप आगे चलने के साथ-साथ दाएं और बाएं भी मूवमेंट करता है। बेसिकली इस मूवमेंट में जब सांप चलता है, तो वह अपने शरीर से सरफेस पर कुल 3 एंकर प्वाइंट बनाता है, जिससे उसका अधिकतम बॉडी सरफेस से ऊपर रहे... सांपों के रेंगने का तीसरा प्रकार है कंसर्टिना लोकोमोशन... इस प्रक्रिया के तहत सांप सबसे पहले अपने आगे के हिस्से को फॉरवर्ड करके, यहां पर एक एंकर पॉइंट बनाता है, फिर इस एंकर पॉइंट के बदौलत वह अपने पीछे की बॉडी को आगे की ओर को लाता है, वह अपने पीछे पूछ पर एक एंकर प्वाइंट बनाकर अपने पूरी बॉडी को आगे की ओर बढ़ा लेता है... सांपों के इस तरह की मोशन को तो बहुत कम देखा गया है, खास तौर से भारत में.. सांपों के चलने का जो चौथा तरीका है, वह है रेक्टिलिनियर लोकोमोशन, इस प्रकार की मोशन बहुत ही खास प्रकार के सांप करते हैं, जिनके पेट की मसल्स कुछ खास प्रकार की सेल से बनी हुई होती हैं..  इसमें सबसे पहले तो सांप अपने पेट के smooth मसल्स वाली स्किन के आगे वाले पोर्सन पर एक एंकर पॉइंट बनाता है, फिर अपने बाकी के पीछे की बॉडी को आगे लाता है। फिर… वह अपने आगे वाले पेट पर एक एंकर प्वाइंट बनाता है, फिर पीछे की बॉडी को आगे लाता है। और इस तरह से वह बहुत ही स्लो मोशन करके एक जगह से दूसरी जगह पर जा पाता है... इसी तरह सांप के एक और चलने का मूवमेंट होता है, जिसे slide pushing movement कहते हैं। इसमें सांप अपने पीछे के पूरी की पूरी बॉडी को आगे की ओर लाकर, वहां से एंकर पॉइंट बनाकर अपनी बॉडी को आगे की ओर push करता है.. तो ये रहा साप के रंगने से जुड़ी दिलचस्प जानकारी उम्मीद है दोस्तों आपको ये वीडियो पसंद आया होगा... अगर आप आगे भी एसी रोचक तथ्यों के बारे में जानने चाहते हैं तो हमें सब्सक्राइव कजिए और कॉमेंट बॉक्स में अपनी राय जरूर लिखीए..

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