बुधवार, 19 जनवरी 2022

इंडियन सिविल सर्विस ज्वाइन करने वाले पहले भारतीय


 इंडियन सिविल सर्विस यानि IAS इंग्लिश वर्णमाला के इन तीन लेटर्स में कुछ ऐसा है कि कोई भी स्टूडेंट खुद को इनके आकर्षण से बचा नहीं पाता करियर चाहे मेडिकल में बनाना हो या IIT  या फिर कोई और प्रोफेशन अपनाने की चाह हो, लेकिन जीवन में कम से कम एक बार सभी छात्र सिविल सर्विस की परीक्षा में भाग्य जरूर आजमाना चाहते हैंलेकिन कभी आपने सोचा है कि देश में सबसे पहले किसने सिविल सर्विस की परीक्षा पास की होगी?..  अपने नाम के आगे ये तीन प्रतिष्ठित लेटर्स लिखने वाला कौन था देश का पहला IAS?... अगर नहीं जानते तो हमारे इस वीडियो को अंत तक देखिएगा... आज हम आपको बताते हैं देश के पहले आईसीएस के बारे में.... सत्येंद्रनाथ टैगोर इंडियन सिविल सर्विस जॉइन करने वाले पहले भारतीय थे.. वे श्री देवेन्द्रनाथ ठाकुर के पुत्र और गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर के बड़े भाई थे सत्येंद्रनाथ लेखक, कवि और साहित्यकार भी थे.... उन्होंने महिलाओं के उत्थान में काफी योगदान दिया... सत्येंद्रनाथ टैगोर का जन्म 1 जून, 1842 को कोलकाता में हुआ था.. शुरुआती पढ़ाई घर पर हुई और बाद में प्रेसिडेंसी कॉलेज चले गए.. 1859 में उनका विवाह ज्ञानंदिनी देवी से हुआ.. और फिर 1862 में वे ICS की परीक्षा के लिए लंदन चले गए... 1863 में उन्होंने इंडियन सिविल सर्विस की परीक्षा पास की... सत्येन्द्रनाथ ठाकुर इंडियन सिविल सर्विस की परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले प्रथम भारतीय थेट्रेनिंग के बाद वह नवंबर, 1864 में भारत लौट आए उनकी पहली नियुक्ति बांबे प्रेसिडेंसी में हुई उसके बाद अहमदाबाद में 1865 में असिस्टेंट मजिस्ट्रेट और कलक्टर के पद पर सेवाएं दी 1882 में उनकी नियुक्ति कर्नाटक के कारवार में जिला न्यायाधीश के रूप में हुई.. 1897 में महाराष्ट्र के सतारा के न्यायाधीश के रूप में सेवानिवृत्त हुए.. 1832 से पहले तक सभी प्रशासकीय पदों पर अंग्रेज ऑफिसर ही नियुक्त किए जाते थे और भारतीयों को प्रमोशन बहुत ही कम दिया जाता था.. इस कारण अवकाश प्राप्ति के समय तक उनको सिर्फ जिला और सेशन जज के पद पर ही प्रमोशन मिल सका। 30 सालों तक वह सिविल सर्विस में रहे.. महिलाओं की आजादी में अहम भूमिका निभाने वाले IAS सत्येंद्रनाथ टैगोर रिटायरमेंट के बाद कलकत्ता लौट आए जहां 9 जनवरी 1923 को उनका निधन हो गया..

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