बुधवार, 19 जनवरी 2022

केरल के जुड़वा बच्चे का गांव

                              

किसी शायर ने खूब कहा है, तेरी सूरत से नहीं मिलती किसी की सूरत, हम जहां में तेरी तस्वीर लिए फिरते हैं... लेकिन केरल में एक गांव ऐसा है जो शायर की इन पंक्तियों को झूठा साबित कर रहा है... जी हां हम बात कर रहे हैं जुड़वा लोगों के उस गांव की जो आज भी रिसर्चर्स के लिए एक रहस्‍य बना हुआ है... केरल का एक गांव जिसे गॉड्स ओन कंट्री कहा जाता है... इस रहस्‍यमय गांव के हर घर में जुड़वा बच्‍चे ही पैदा होते हैं... केरल का यह गांव मल्‍लपुरम जिले में आता है और आज तक इसके रहस्य से अब तक पर्दा नहीं उठा है... इस गांव में देश के सबसे ज्‍यादा जुड़वा लोग पाए जाते हैं... आपको इस गांव में, स्कूल में और पास के बाजार में कई हमशक्ल बच्चे नजर आ जाएंगे... केरल के कोच्चि शहर से करीब 150 किलोमीटर के फासले पर स्थित कोडिन्ही गांव के कारण पूरी दुनिया के वैज्ञानिक सकते में हैं कि ऐसा क्या है इस गांव की आबो हवा में कि यहां पैदा होने वाले जुड़वां बच्चों का औसत सारी दुनिया के औसत से सात गुना ज्यादा है.. दुनियाभर में इस शहर को जुड़वां गांव के नाम से ही जाना जाता है। इस गांव की 85 फीसदी आबादी मुस्लिम है, लेकिन ऐसा नहीं कि हिन्दू परिवारों में जुड़वां पैदा नहीं होते.. स्थानीय लोग बताते हैं कि जुड़वां बच्चों का सिलसिला यहां करीब 60 से 70 साल पहले शुरू हुआ... इस गांव में रहने वाले जुड़वां जोड़ों में सबसे उम्रदराज 65 साल के अब्दुल हमीद और उनकी जुड़वा बहन कुन्ही कदिया है. ऐसा माना जाता है इस गांव में तभी से जुड़वां बच्चे पैदा होने शुरू हुए थे. शुरू में तो सालों में कोई इक्का दुक्का जुड़वा बच्चे पैदा होते थे लेकिन बाद में इसमें तेजी आई और अब तो बहुत ही ज्यादा रफ्तार से जुड़वां बच्चे पैदा हो रहे हैं... इस गुत्थी को समझने के लिए कुछ समय पहले भारत, जर्मनी और ब्रिटेन का एक संयुक्त अध्ययन दल यहां आया था और उन्होंने यहां के लोगों के डीएनए का अध्ययन करने के लिए कुछ नमूने एकत्र किए.. इसी तरह बहुत से दल यहां आते हैं और अपनी जिज्ञासा शांत करने के लिए यहां के लोगों के चेहरे मोहरे, यहां की आबो हवा, खान पान जैसे तमाम तरह के अध्ययन करते हैं, लेकिन जुड़वां बच्चे पैदा होने की कोई वजह आज तक मालूम नहीं हो पाई..  केरल के कोडिन्ही जैसे दुनिया में दो और गांव हैं, नाइजीरिया का इग्बो ओरा और ब्राजील का कैंडिडो गोडोई। यहां भी वैज्ञानिकों ने जुड़वां बच्चों की प्रक्रिया को समझने की कोशिश की। नाइजीरिया में पाया गया कि वहां मिलने वाली एक सब्जी के छिलके में रसायन की अधिक मात्रा के कारण ऐसा हुआ। वहीं ब्राजील वाले मामले में रिसर्चरों को कहना है कि उस समुदाय में सब आपस में ही शादी करते हैं और वहां शायद इसलिए ऐसा होता है। लेकिन कोडिन्ही का मामला अब भी रिसर्चरों के लिए चुनौती बना हुआ है और बाकायदा सरकारी तौर पर यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि यहां इतनी बड़ी संख्या में जुड़वां पैदा होने की वजह क्या है।

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