आपने कहीं न कहीं जरूर पढ़ा या सुना होगा कि राजाओं के समय में ख़ुफ़िया
जासूस हुआ करते थे जो कि एक राज्य की सूचनाएं दूसरे राज्य के राजाओं को दिया करते
थे... इसी तरह के जासूस आज भी विश्व के हर देश में मौजूद हैं... जैसे कि अमेरिका
की ख़ुफ़िया एजेंसियों में FBI जो सिर्फ देश के अंदर
रहकर अपना काम करती है जबकी अमेरिका के ही खुफिया एजेंसी CIA अमेरिका से बाहर रहकर अमेरिका सरकार के लिए काम करती है.. इसी तरह रूस में
केजीबी के नाम से सरकारी खुफिया एजेंसी सक्रिय है वहीं पाकिस्तान में आईएसआई है और
इजरायल में मोसाद है.. जबकी भारत में आईबी, रॉ, एनआईए और सीबीआई प्रमुख खुफिया एजेंसियां हैं... भारत में सक्रिय अलग-अलग
खुफिया एजेंसियों के कामकाज के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं... IB, RAW NIA
और CBI जैसी खुफिया एजेंसियों ने अपनी अपनी
भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को अच्छी तरह से परिभाषित और सीमांकित किया है और एक
दूसरे के निकट सहयोग में काम भी करती है... इस वीडियो में हम आज रॉ, आईबी एनआईए और
सीबीआई की बारे में बात करेंगे और बताने की कोशिश करेंगे कि कैसे हमारे देश की ये
तमाम खुफिया एजेंसिया काम करती है.. और अलग अलग एजेंसियों की क्या-क्या जिम्मेदारी
हाती है.. साथ ही देश के सभी प्रमुख खुफिया एजेंसियों के बीच अंतर जानने की कोशिश
करेंगे.. तो आइए इस वीडियो में सबसे पहले बात करते है आईबी की... IB का मतलब होता है इंटेलिजेंस ब्यूरो... और इंटेलिजेंस ब्यूरो भारत सरकार
की एक स्वायत्त संस्था है जिसे सरकार के कार्यकारी आदेश के जरिए बनाया गया था... आईबी
की स्थापना ब्रिटिश औपनिवेशक शासन के दौरान साल 1857 में की गई थी… जिसे पहले
खुफिया ब्यूरो नाम दिया गया.. आगे चलकर साल 1920 में इसका
नाम बदलकर इंटेलिजेंस ब्यूरो रखा गया था... आपको जानकर हैरानी होगी की आईबी एक
जांच एजेंसी होते हुए भी जांच का काम नहीं करती है... दरअसल आईबी का काम मुख्य रूप
से सूचना के विशेष विश्लेषण से संबंधित है... आईबी देश की सबसे पुरानी खुफिया
एजेंसी भी है, जो आजादी के समय 1947
में भारत सरकार द्वारा बनाई गई थी.. आईबी के जरिए देश के अंदर खुफिया जानकारी और
आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए काउंटर इंसर्जेंसी और काउंटर टेरेरिज्म स्ट्रैटेजी
बनाई जाती है... आईबी गुप्त अभियानों में माहिर है और सरकार को उन देशों के प्रति
विदेश नीति तैयार करने में मदद करता है जिनके साथ भारत के अच्छे, मैत्रीपूर्ण संबंध नहीं हैं... सूचनाओं के लिए आईबी फिजिकल और
इलेक्ट्रॉनिक दोनों तरह के सर्विलांस का प्रयोग करती है... इसके साथ ही रिसर्च,
संचार का इंटरसेप्ट, घुसपैठ के साथ-साथ किसी
भी महत्वपूर्ण जगह पर हो रही क्रिया-कलापों के बारे में जानकारी जुटाना है.. आईबी
आपको गिरफ्तार नहीं कर सकती है और न ही पूछताछ कर सकती है... न ही आईबी अफसर आपसे
किसी तरह का डॉक्युमेंट मांग सकते हैं... आईबी आतंकवाद और उग्रवाद की समस्याओं से
निपटने के लिए संदिग्ध लोगों के आंदोलन पर नज़र रखती है.. आईबी
के पास संदिग्धों के फोन टैप करने की शक्तियां भी होती हैं और इसकी रिपोर्ट गृह
मंत्रालय को दी जाती है.. आईबी देश की अन्य एजेंसियों के साथ खुफिया जानकारी साझा
करता है और उनके साथ निकट समन्वय और सहयोग में काम करता है...
अब बात करते हैं देश की सबसे चर्चित खुफिया एजेंसी CBI की... सीबीआई का मतलब केंद्रीय जांच ब्यूरो है... जो
1963 में स्थापित भारत सरकार की एक प्रमुख जांच एजेंसी है...
उद्योग, निष्पक्षता और अखंडता CBI का
आदर्श वाक्य है... जिसमें देश भर में सभी तरह के मामलों की जांच करने की शक्ति
होती है.. इसिलिए सीबीआई.. IB की तुलना में अधिक लोकप्रिय है
क्योंकि इसे आम लोगों से जुड़े मामलों को सुलझाने का टास्क दिया जाता है... सीबीआई
सीधा आर्थिक अपराधों और भ्रष्टाचार के मामलों से संबंधित है... कार्यप्रणाली की
बात करें तो दरअसल सीबीआई एक तरह से पुलिस ही है... यह अपराधी को गिरफ्तार कर सकती
है... उससे पूछताछ कर सकती है और अपराधी के घर की जांच भी कर सकती है... दूसरी तरफ
लोकल पुलिस स्टेशन से अलग उसके पास ये अधिकार होता है कि वह भारत के किसी भी कोने
में जाकर जांच कर सकती है... सीबीआई को एक ऐसी एजेंसी भी कहते हैं, जो सार्वजनिक जीवन के मूल्यों के संरक्षण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती
है... साबीआई ऐसी हर घटना की जांच कर सकती है, जो भारत के
कानून के अंतर्गत जुर्म है.. सीबीआई के रेंज में सरकार के भ्रष्टाचार से लेकर
आर्थिक जुर्म और भयानक हत्या तक आता है... कुलमिलाकर सीबीआई का काम सबूत जुटाना और
उसे कोर्ट में पेश करना दोनों होता है...
अब बात करते है रॉ की.... रॉ यानी की रिसर्च एंड एनालिसिस विंग की.. रॉ
की स्थापना 1968 में देश के बाहर
ख़ुफ़िया काम करने के लिए की गयी थी. इस प्रकार इंटेलिजेंस ब्यूरो का काम देश के
भीतर ख़ुफ़िया ऑपरेशनों को अंजाम देना तो “रॉ” का काम देश के बाहर ख़ुफ़िया काम करना होता
है... पहले रॉ आईबी के आंतरिक और बाहरी खुफिया ऑपरेशनों के लिए जिम्मेदार था.. लेकिन
जब 1962 और 1965 के युद्ध में भारत की
खुफिया एजेंसी नाकाम हो गई. उसके बाद सरकार ने बाहरी खुफिया ऑपरेशनों के लिए 1968 में अलग से ‘रॉ’ नाम की खुफिया एजेंसी बनाई थी.... रॉ, भारत के पड़ोसी देशों की गतिविधियों पर नजर रखती है, लेकिन इसका मुख्य फोकस पाकिस्तान और चीन की गतिविधियों पर रहता है... रॉ,
भारत के नीति निर्माताओं और सेना को खुफिया जानकारी प्रदान करता है...
रॉ ने बांग्लादेश के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.. रॉ का मुख्य काम भारत
के बाहर नजर रखना होता है... ये विदेशों पर नजर रख कर उनकी गतिविधियों का पता
लगाती है.. ये भारत के निति निर्माताओं और सेना को खुफिया सूचना देती है। अगर आईबी और रॉ में एक-एक अंतर बताएं तो आईबी
देश की आंतरित खुफिया एजेंसी है जबकि रॉ देश का अनुसंधान विंग है जिसे भारत की बाहरी
खुफिया एजेंसी भी कहते हैं
और अब बात करते है एनआईए की... NIA का फुल फॉर्म National Investigation Agency है, हिंदी में इसे राष्ट्रीय जांच एजेंसी
के नाम से जाना जाता है.. NIA का गठन 31 दिसम्बर 2008 को भारत की संसद द्वारा पारित अधिनियम राष्ट्रीय
जाँच एजेंसी विधेयक 2008 के अंतर्गत किया गया... इसके संस्थापक
महानिदेशक राधा विनोद राजू थे जिनका कार्यकाल 31 जनवरी 2010 को समाप्त हुआ था.. भारत
में आतंकवाद को समाप्त करने के लिए एनआईए का गठन किया गया है.. साल 2008 में भारत
पर मुंबई हमला हुआ था.. जिसके बाद एक जाँच एजेंसी की आवश्यकता हुई जो केंद्र सरकार के अधीन हो
और वह आतंकवादी गतिविधियों पर नजर बना कर उनको विफल कर सके.. NIA का काम देश में आतंकवादी
गतिविधियों को रोकना और भारत में आतंकवाद को समाप्त करना है.. भारत सरकार से इस
संस्था को कई विशेष अधिकार मिले हुए हैं.. इसमें, आतंकवादी
गतिविधियों में संलिप्त पाए जाने वाले लोगों पर ठोस कार्यवाही करके उनकी सम्पति तक
सीज करना और उस व्यक्ति या संगठन को आतंकवादी घोषित करना है... इस संस्था के अंदर
राज्य सरकार को हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है... इस राष्ट्रीय जांच एजेंसी का
मुख्यालय नई दिल्ली में है और हैदराबाद, गुवाहाटी, कोच्चि, लखनऊ, मुंबई, कोलकाता, जयपुर, जम्मू में इसकी
क्षेत्रीय शाखाएं हैं.....
सीबीआई, रॉ NIA और आईबी का एक मात्र लक्ष्य है देश की रक्षा करना… और
ये सभी देश की प्रमुख खुफिया एजेंसी हैं, जिनका कार्यक्षेत्र
अलग-अलग तय है..देश
की प्रमुख जांच एजेंसी को लेकर अक्सर लोग कंफ्यूज हो जाते हैं और इनके बीच अंतर
नहीं कर पाते हैं.. ऐसे में आशा करता हूं कि आप सीबीआई, रॉ NIA और आईबी जैसे महत्वपूर्ण केंद्रीय जांच एजेंसियों के
बीच मौजूद अंतर को पूरी तरह समझ गये होगों.. आपको ये वीडियो कैसा लगा कॉमेन्ट
बॉक्स में लिखना मत भूलिएगा.. और इस वीडियो को ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर
कीजिए ताकी वो लोग भी जान सके की सीबीआई, रॉ NIA और आईबी क्या क्या भूमिका होती
है..
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