देश में जल्द ही डिजिटल यूनिवर्सिटी खुलेगी। ये हम नहीं कह रहें है बल्कि हमारे देश के प्रधानमंत्री कह रहें है। और जब बात देश के प्रधानमंत्री की हो तो इस विषय पर चर्चा करना लाजमी हो जाता है। दरअसल बदलते युग में डिजिटल प्लेटफॉर्म हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। शायद इसलिए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने Budget 2022 में भी डिजिटलाइजेशन पर खूब पैसे आवंटित किये। जब सरकार डिजिटलाइजेशन पर इतनी बातें कर रही है तो यहां कुछ सवाल भी खड़े होते है कि आखिर डिजिटल यूनिवर्सिटी की कितनी जरूरत है। और ये डिजिटल यूनिवर्सिटी कैसे काम करेगी। इससे किस वर्ग को फायदा होगा। यह डिस्टेंस लर्निंग प्रोग्राम कराने वाली यूनिवर्सिटीज से कितनी अलग होगी जैसी कई बातें हैं जिस पर आज हम इस वीडियो में चर्चा करेंगे। लेकिन आइए सबसे पहले आपको बताने की कोशिश करते हैं कि डिजिटल विश्वविद्यालय आखिर कैसा होगा और इससे छात्रों को क्या-क्या लाभ होगा।
दरअसल इस साल के बजट में स्कूली पढ़ाई के बजाय
डिजिटल पढ़ाई पर खासा जोर दिया गया है। शिक्षा से जुड़े ऐलानों में डिजिटल
यूनिवर्सिटी का गठन काफी चर्चित विषय बना हुआ है। Indian Society for Technical Education के मुताबिक डिजिटल यूनिवर्सिटी में स्टेंडर्ड
के अनुसार विश्व स्तर की गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान की कवायद की जाएगी है साथ
ही डिजिटल एजुकेशन को शिक्षा की सहायक पाठ्य प्रक्रिया के रूप में इस्तेमाल करने
की बात भी कही गई है। साधारण शब्दों में कहें तो डिजिटल विश्वविद्यालय के बदौलत
घर-घर शिक्षा पहुंचेगी। चाहे वो विद्यार्थी कश्मीर से हो या फिर भारत के दक्षिणी
छोड़ कन्याकुमारी से। सभी विद्यार्थियों को यह पढाई की सुविधा विश्व स्तरीय
गुणवत्ता के साथ कई क्षेत्रीय भाषाओं में भी प्राप्त होगी।
डिजिटल यूनिवर्सिटी एक ऐसी यूनिवर्सिटी जहां पूरी पढ़ाई ऑनलाइन होगी। साधारण भाषा में समझें तो डिजिटल
यूनिवर्सिटी में दाखिला वाले स्टूडेंट्स घर बढ़े अपनी पढाई पूरी करेंगे। जी हां डिजिटल
यूनिवर्सिटी के बदौलत घर बैठे देश के किसी कोने से स्टूडेंट्स पढ़ाई कर सकेंगे।
विदेशों में भी डिजिटल यूनिवर्सिटी इसी पैटर्न पर काम कर रही हैं। हलांकि भारत
में बनने वाली डिजिटल यूनिवर्सिटी में किस तरह प्रोग्राम उपलब्ध कराए जाएंगे? यहां से सर्टिफिकेट
या डिप्लोमा पाठ्यक्रम करने का मौका मिलेगा या पीजी प्रोग्राम भी होंगे, ऐसे कई सवाल
हैं जो लोगों के जेहन में कायम है। आपको जानकर हैरानी होगी की कुछ ही दिनों पहले
केरल में देश की पहली डिजिटल यूनिवर्सिटी की शुरुआत हो चुकी है। इंडियन
इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट केरल को अपग्रेड करके डिजिटल
यूनिवर्सिटी में तब्दील किया गया। यहां पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम से लेकर
अलग-अलग तरह के कई कोर्सेज संचालित किए जा रहे हैं।
आइए अब समझते हैं डिजिटल विश्वविद्यालय कैसा
होगा और इससे छात्रों को कितना लाभ होगा। डिजिटल एजुकेशन को लेकर जानकारों का कहना
है कि डिजिटल यूनिवर्सिटी से डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा, वहीं इसका सबसे
बड़ा फायदा देश के दूरदराज इलाकों में बसे छात्रों को मिलेगा। छात्रों को एक ही
प्लेटफार्म के जरिए कई टॉप कॉलेज के कोर्स करने का मौका मिल जाएगा। वहीं कुछ लोग
कहते हैं कि समय को देखते हुए डिजिटल शिक्षा की दिशा में आगे बढऩा बहुत जरूरी है।
डिजिटल यूनिवर्सिटी से देश के कॉलेजों को ऑनलाइन पढ़ाई करवाने की अनुमति से उन
छात्रों को अध्ययन का अवसर मिलेगा, जिन्हें कॉलेजों की हाई कट ऑफ के
कारण दाखिला नहीं मिलता था। साथ ही साथ निस्संदेह उन छात्रों के लिए भी लाभप्रद
होगा जो कि नियमित उपस्थिति नहीं दे पाते थे।
ये बात भी तय है कि डिजिटल एजुकेशन से यूनिवर्सिटी
में सीटों की संख्या की समस्या दूर हो जाएगी। पढ़ाई का सारा काम पेपरलेस हो जाएगा।
पढ़ाई और परीक्षा साथ ही रिजल्ट ऑनलाइन जारी होने से शिक्षा सस्ती हो जाएगी।
महिलाओं, दिव्यांगों, कामकाजी लोगों, गरीबों, उम्रदराज लोगों के लिए शिक्षा के द्वार हर वक्त खुले रहेंगे।
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