सोमवार, 30 अक्टूबर 2017

ब्लू व्हेल गेम

एक गेम जिसने दुनिया भर में फैला दी है दहशत..एक गेम जिसने दुनिया भर के 250 बच्चों को जान देने पर कर दिया मजबूर और अब इस गेम ने रूस केन्या कोलांबिया अमेरिका होते हुए भारत आ चुका है। मुम्बई में 14 साल के मनप्रीत नाम के बच्चे ने जान दे दी। इस जानलेवा गेम का नाम है ब्लू व्हेल गेम। वो गेम जिसके टॉस्क पूरे करने के लिए बच्चे जान तक दे देते हैं और मनप्रीत की मौत के पीछे इस गेम का ही हाथ है। साइबर शातिरों के चंगुल में कई लोगों ने अपने पैसे और रिश्ते खो दिए और अब अपने बच्चों को खो रहे हैं। सन् 2015 में रुस की एक 17 साल की लड़की की आत्महत्या से शुरु हुआ ये खतरनाक खूनी खेल जो अब तक 250 से ज्यादा बच्चों की जानें ले चुका है। और अब इस खेल ने भारत में भी अपनी खूनी दस्तक दे दी है। हर कोई यह जानकर हैरान है कि ये पूरा खूनी खेल एक 22 साल के युवक फिलिप वुडकिन के बीमार दिमाग की उपज है। जो कि मनोविज्ञान का छात्र है। 2016 में कई सुसाइड केस सामने आने मे बाद फिलिप वुडकिन को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। वुडकिन ने पुलिस को बताया कि उसका मकसद समाज की सफाई करना है। जिसके लिए वो ज्यादातर ऐसे बच्चों को चुनता है जो अकेले होते हैं। गेम की तलाश में जब कोई इस वेबसाइट पर अपना अकाउंट बनाता हैं तो उसे ब्लू व्हेल सर्च करने पर सैकड़ों तस्वीरें, मैसेज और ग्रुप सामने आ जाते हैं। जो डिप्रेस करने वाले, संदेशों से भरे होते हैं। जिनमें हॉरर फिल्मस, भूत के स्केच, खून बहने की तस्वीरें हाथ की नस काटने और खुद को घायल करने की तस्वीरे भी होती हैं। खेल शुरु होने के बाद एडमिन गेम के नाम पर यूजर को रोज एक नया टास्क देता है। और प्रूफ के तौर पर उसकी तस्वीर लेता है। धीरे-धीरे जब यूजर कुछ भी करने के लिए तैयार हो जाता है तो। 50वें दिन होता है मौत का असली खेल। जिसमें उसे मौज मस्ती करते हुए दुनिया को छोड़ने यानी सुसाइड करने के लिए कहा जाता है। विशेषज्ञ इसे ह्यूमन इंबाइनडरी का नाम दे रहे हैं। ऐसे गेम और खेलने वाले या ऐसे ग्रुप में जुड़ने वाले ज्यादातर लोग डिप्रेशन का शिकार होते हैं। ऐसे में घर वालों को चाहिए कि अगर उनका बच्चा डिप्रेशन में है तो उसे सोशल मीडिया का इस्तेमाल न करने दें। मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि बच्चे वास्तविक और वर्चुअल वर्ल्ड में अंतर नहीं समझ पाते। इसी बात का फायदा उठाकर ये वीडियो गेम बच्चों को मौत के मुंह में धकेल रहा है। वीडियो गेम में जब किसी नायक की मौत होती है तो उसे दोबारा जिंदा कर दिया जाता है लेकिन बच्चे गेम के चैलेंज को इतनी गंभीरता से लेते हैं कि वह मरने और गेम में अंतर नहीं कर पाते। कुछ ऐसे ही बच्चे सामान्य बातचीत करते हैं और बड़ों की तरह व्यवहार भी करते हैं लेकिन वह गेम में इतना ज्यादा डूब जाते हैं कि सही और गलत में फर्क नहीं कर पाते ऐसे में स्कूलों और पैरेंट्स को सलाह है कि बच्चे को मानसिक रूप से मजबूत बनाएं और उसे सुसाइड के खिलाफ शिक्षित करें। बच्चों को ऐसा माहौल दें कि वह किसी प्रकार की बात का न छुपाए और अपने मन की सारी बात घर में बता सके। मुंबई में एक 14 साल के बच्चे ने सुसाइड कर ली। उसके सुसाइड के पीछे काफी चौकानें वाली वजह सामने आ रही है। बताया जा रहा है एक गेम ने एक बच्चे की जान ले ली है। मुंबई में 14 साल के मनप्रीत ने 6 मंजिला इमारत से कूद कर जान दे दी। पुलिस की शुरूआती जांच में माना जा रहा है कि ये सब कुछ हुआ कातिल बन चुके ब्लू व्हेल गेम की वजह से। 

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