शुक्रवार, 20 अक्टूबर 2017

सीएम योगी


जैसे मोदी, वैसे योगी। जी हां। यूपी के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी प्रधानमंत्री मोदी की राह पर हैं। चाहे वो ताबड़तोड़ फैसले लेने की बात हो। या पर खुद की दिनचर्या। योगी के एक्शन से सहमत ना हों। लेकिन मोदी ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो मेहनत का आदर्श हैं। जिनकी उर्जा प्रेरित करती है और ये वो स्टाइल है जो बहुतों को मोदी की राह पर चलने के लिए लुभाता है। लेकिन मोदी की राह पर चलना आसान नहीं है। हालांकि एक शख्स है जिसने मोदी की मुश्किल राह को चुना है और जो मोदी की तरह ही एक्शन में है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। योगी को उनके चाहने वाले हिंदू हृदय सम्राट कहते हैं। वो गोरखनाथ मंदिर के महंत हैं। सिर्फ गेरुआ लिबास ही योगी की पहचान नहीं है। योगी सालों से राजनीति में हैं। गोरखपुर का प्रतिनिधित्व 2 दशकों से कर रहे हैं और जब एक संत एक योगी शासन में आता है तो वो सबको सिखा देता है कि कैसे अनुशासन में रहना है और कैसे 24 घंटे जनता के कामों के लिए परिश्रम करना है। योगी के काम करने का स्टाइल बताता है कि जैसे मोदी सीधे संदेश देते हैं। जैसे मोदी कह जाते हैं कि भ्रष्टाचारी अपना रास्ता देख लें और मुझे जो करना है मैं करुंगा। मुझे जलाकर चाहे मार दो उसी तरह योगी गुंडों से साफ कहते हैं कि वो अपना ठिकाना यूपी के बाहर कहीं देख लें। 19 मार्च की दोपहर अजय से आदित्यनाथ बने एक साधारण बालक से सन्यासी बने। योगी ने यूपी के सीएम की बागडोर संभाली। काम संभालते ही योगी एक्शन में आ गए और बेहतर प्रदेश के लिए काम करना शुरू कर दिया। पहले ही दिन सचिवालय गए। पंचम तल पर जहां मुख्यमंत्री का दफ्तर है। वहां तक पैदल गए। जिसमें उनके साथ चलने वाले अफसरान की सांसें फूल गईं लेकिन ब्यूरोक्रेसी के लिए योगी का एक्शन यहीं तक नहीं था। योगी से कदमताल मिलाने के लिए ब्यूरोक्रेसी को भी आदित्यनाथ बनना होगा। जैसे मोदी ने आते ही सफाई का संदेश दिया। वैसे ही योगी ने भी आते के साथ कहा कि सफाई अनिवार्य है। कानून व्यवस्था, एंटी रोमियो, बूचड़खाने, स्वच्छता, योगी का कहना है कि मोदी के सपनों के यूपी को वो बनाने में लगे हैं। जैसे मोदी अक्सर अपने सहयोगियों को ताकीद करते रहते हैं कि वो अपने काम पर ध्यान दें। और लोगों से मिलें। उनके लिए काम करें। योगी ने भी मंत्रियों से लेकर विधायकों तक को बुनियादी नसीहतें दी। मोदी की तरह योगी ने भी कहा कि लाल बत्ती और हूटर वाली गाड़ियों से बचें। जो सरकारी आवास मिले उसमें रहें। कानून हाथ में ना लें। सोशल मीडिया का दुरुपयोग ना करें। अधिकारियों से सही से पेश आएं। अनुशासन में रहें। और महीने में एक बार योगी से काम के सिलसिले में मिले। योगी अगर सहयोगियों को नसीहतें देते हैं तो मोदी की तरह विपक्ष को साथ आने का आह्वान भी करते हैं। बीजेपी अपने चुनावी भाषणों में यूपी की जनता से कहती आई है कि केंद्र में मोदी हैं और अगर यूपी में भी कमल खिल जाए तो यूपी के विकास के लिए बहुत अच्छा रहेगा। कहने का मतलब है कि उम्मीद की जा सकती है कि मोदी जैसे योगी प्रदेश के लिए अच्छे दिन लेकर आएंगे। उत्तर प्रदेश में योगी राज है। बदलाव साफ तौर पर देखा जा सकता है। बूचड़खानों पर ताले लग चुके हैं। रोमियो टाइप गुंडे या तो घर के अंदर या थानें पहुंच चुके हैं। मंत्री गण ताबड़तोड़ विभागों का निरीक्षण करते रहते हैं। सीएम योगी खुद कहीं भी किसी भी वक्त दफ्तर का निरीक्षण करने पहुंच जाते हैं। ये तरीका है नई सरकार के काम करने का...और फैसलों की ये रफ्तार है। सीएम योगी आदित्यानाथ की करीब 21 करोड़ की आबादी वाला उत्तर प्रदेश बिजली, पानी, किसानों के मुद्दे, भ्रष्ट प्रशासन, कानून व्यवस्था से लेकर बेरोज़गारी तक। सूबे में तमाम मुद्दे हैं और यूपी की जनता रोज़ाना इन समस्याओं से दो-चार होती रही है। हालात ऐसे बन गए, कि घूस देना मज़बूरी के बाद अब आदत बन गई। लेकिन अब सूबे का निज़ाम बदल गया है। सत्ता चलाने के लिए नए सीएम सुपरफास्ट मोड में हैं। दफ्तरों में खलबली मची हुई है। नौकरशाही में हाहाकार है। पुलिस थानों में पुलिस वाले खुद झाड़ू लगा रहे हैं। अधिकारी इस बात से हैरान-परेशान है कि जाने कब और किधर से सीएम साहब का काफिला दफ्तर में आ धमके। काम की रफ्तार ऐसी कि कब किस विधायक को दफ्तर बुला लें। कब सीएम साहब मंत्रियों को किधर भेज दें किसी को नहीं पता। सीएम योगी के काम ये तरीका वाकई काबिले तारीफ है। भ्रष्टाचारियों पर नकेल कसी जा रही है। ऐसे में जब सीएम योगी खुद इतना एक्टिव हैं। सूबे के साहबों से नेताओं तक की नींद उड़ गई हैं। यूपी की अवाम ने एक संत को सीएम चुना है। जी हां उत्तर प्रदेश में योगीराज शुरू हो चुका है। यूपी के इस नायक को जनता भरपूर समर्थन दिया तो सीएम योगी ने पहले दिन से यूपी को अपने काम का तरीके का ट्रेलर दिखा दिया और अफसरों से लेकर अपने मंत्रियों तक को साफ संकेत दे दिए हैं। काम में हीला हवाली नहीं चलेगी। पहले की सरकारों में जो भी होता चला आया है अब वैसा नहीं चलेगा। जनता को जवाब देने की आदत अब नेताओं से लेकर ज़िम्मेदार अफसरों डालनी पड़ेगी। अधिकारियों से लेकर मंत्रियों तक को कसमें खिलाई जा रही हैं। गलत करने वालों पर नकेल कसी जा रही है। इसका कारण सिर्फ एक ही है और वो है यूपी ने नए सीएम आदित्यनाथ योगी का तेज तर्रार रवैया है। जिससे सूबे के नेता और अफसर सभी थर्रा रहे हैं। उत्तर प्रदेश की जनता यूपी के इस नायक के फैसलों से जहां बेहद खुश है, वहीं अपराधी और कामचोर अधिकारी-कर्मचारी मुंह छिपाते फिर रहे हैं। छेड़खानी करने वाले रोमियो टाइप गुंडे सड़कों से गायब हो गए हैं। उत्तर प्रदेश में जो बदलाव इस सराकर के आने बाद दिखा है शायद किसी ने कल्पना तक नहीं की होगी। एक संत सीएम बना तो सूबे में बदलाव की बयार बहनी शुरू हो गई इस बयार में बहे जा रहे हैं उन भ्रष्ट अधिकारियों, कर्मचारियों और नेताओं के मंसूबे जो जनता को लूटने के लिए पाल रखे हैं। क्योंकि यूपी के इस नए नायक के इरादों ने सबकी बखिया उधेड़ रखी है। क्योंकि जनता का जनादेश आया है। प्रदेश में योगीराज का काम फर्राटा भर रहा है। सरकार बनने के बाद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ लगातार एक्शन में हैं। सीएम योगी की फैसले लेने की क्षमता और रफ्तार भी पहले दिन ये बयां कर रही है। बीजेपी के संकल्प पत्र के ज्यादातर वादे 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले पूरे कर जनता के बीच जाएं। 19 मार्च को शपथ लेने के बाद सीएम योगी अबतक करीब 100 से ज्यादा जनहित के फैसले ले चुके हैं। गौहत्या प्रतिबंधित, बूचड़खानें बंद, एंटी रोमियो स्क्वाड, प्लास्टिक बंद, पान-गुटखा बंद, गंदगी बंद, हर शुक्रवार थानों की सफाई, टीचर भर्ती, लेटलतीफी। अभी तो पार्टी शुरू हुई...जी हां...ये सब तो सिर्फ ट्रेलर है। पूरी पिक्चर तो अभी बाकी है। क्योंकि सीएम योगी का फास्ट एण्ड फ्यूचरैस्टिक मोड बहुत कुछ बदलने वाला है। जिस वक्त नई सरकार बनी उस समय यूपी में बोर्ड परीक्षाएं चल रही थीं। जितनी परीक्षाएं सरकार बनने तक हो चुकी थीं। उतने में जमकर नकल के मामले सामने आए। लेकिन जैसे की सीएम ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर डंडा चलाया। नकल की पर्चियां तो दूर ताक झांक तक स्कूल के परिधि से कोसों दूर हो गई। योगी सरकार के पहले हफ्ते में ही स्कूलों को आदेश चला गया है कि सभी टीचर्स मर्यादित परिधान ही पहनें टी शर्ट्स का प्रयोग न करें। अफसर समय पर दफ्तर आएं। कई सरकारी दफ्तरों का सीएम योगी ने दौरा किया। सीएम ने अधिकारियों से साफ कहा कि दफ्तरों में आम जनता से अच्छे से बात की जाए और उनके फोन उठाए जाएं। योगी ने आदेश दिया कि अधिकारी सभी फाइलें जल्दी निपटाएं और समय पर दफ्तर आएं। सीएम योगी ने सत्ता संभालते ही घर-घर में करंट पहुंचाने की बात कही। यानि बिजली व्यवस्था दुरुस्त करने के आदेश दिए। नवरात्र में धार्मिक स्थलों पर 24 घंटे बिजली देने का एलान किया। जिसका असर ज़मीन पर दिख भी रहा है। लखनऊ, वाराणसी, मथुरा, गोरखपुर जैसे धार्मिक स्थलों में पर्याप्त बिजली मिल रही है। इसके अलावा योगी कहा है कि ग्रामीण इलाकों में ट्रांसफॉर्मर फुंकने की स्थिति में किसानों को परेशान न किया जाए बल्कि अधिकारी मौके पर जाकर उसे तुरंत बदलवाएं। यूपी में गन्ना किसानों की समस्याओं के सही और समय के भुगतान का मुद्दा बहुत पुराना है। पूर्ववर्ती सरकारों ने इसे लंबे वक्त तक लटकाए रखा। लेकिन सीएम योगी आदित्यनाथ ने ऐलान किया कि गन्ना किसानों का पुराना बकाया 15 दिन के दिया जाए। हालांकि, पहली कैबिनेट बैठक में किसानों के कर्ज माफी के वादे के पूरे होने का किसानों को अभी भी इंतजार है। सीएम योगी ने ऐलान किया कि किसी भी जिले में भूख से अगर किसी की मौत होती है तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। योगी सरकार खाद्य सुरक्षा में छत्तीसगढ़ के मॉडल को अपनाने जा रही है। इसके लिए उन्होंने प्रदेश से अपने मंत्रियों औऱ अधिकारियों की टीम को छत्तीसगढ़ भेजा था। चुनाव से पहले सूबे की पूर्ववर्ती सरकार ने चुनावी फायदे के लिए आनन-फानन में लखनऊ मेट्रो का ट्रायल करा दिया। लेकिन मेट्रो सुचारु कब होगी इसका कोई अता-पता नहीं...वहीं सत्ता संभालते ही योगी सरकार ने इलाहाबाद, मेरठ, आगरा, गोरखपुर और झांसी नगरों में भी मेट्रो चलाने के लिए तेजी से डीपीआर तैयार करने को कहा है। यानी इन शहरों में भी मेट्रो के विकास के साथ तरक्की को अमलीजामा पहनाने की योजना है। इन सबके अलावा योगी ने अपने तेवर और तेजी के हिसाब से कई और बड़े आदेश दिए हैं जिनमें दफ्तरों में बायोमिट्रिक और सीसीटीवी की वयवस्था, महिलाओं के लिए हेल्पलाइन, रामायण म्यूज़ियम के लिए 25 एकड़ ज़मीन, जेनरिक दवाओं की 3 हज़ार दुकाने खोलने और अधिकारियों को 18 से 20 घंटे काम करने जैसे तमाम बड़े आदेश दिए हैं। जिसमें से कुछ आदेशों का असर तो ज़मीन पर दिखने भी लगा है। योगी आदित्यनाथ यूपी के सीएम बने तो पूरा सूबा फास्ट मोड में आ गया। 13 दिन बाद भी सीएम के फैसलों की रफ्तार जारी है। इन सबके बीच बीजेपी के संकल्प पत्र के वादे भी सीएम योगी को पूरे करने हैं। भ्रष्टाचार की परतें उधेड़ने समेत किसानों की कर्ज़ माफी तक कई बड़े ऐलान अभी बाकी हैं। यूपी के नए सरकार और इनके सिपहसालार सब फास्ट मोड में हैं। कानून व्यवस्था और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर हमेशा घिरी रहने वाली पूर्ववर्ती यूपी सरकार की नई सरकार ने परतें खोलने का पूरी मन बना लिया है। कुछ ही बीते हैं नई सरकार के बने हुए और इतने ही दिनों में पिछली सरकार के कई बड़ें घोटाले समाने आ गए हैं। गोमती रिवर फ्रंट से लेकर बाल विकास पुष्टार विभाग में पंजीरी घोटाले तक और लैपटॉप योजना से लेकर वक्फ बोर्ड तक में करोड़ों का घोटाला सामने आया है। योगी सरकार ने साफ एलान कर दिया है। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। बीजेपी के घोषणा पत्र में सबसे बड़े वादों में से एक किसानों की कर्ज माफी पर पहली कैबिनेट में मुहर लगा दी गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रचार के समय लगभग हर रैली में इसका जिक्र किया है कि उनकी सरकार बनते ही पहली मीटिंग में उनकी पार्टी इस वादे को पूरा करेगी। इस वादे के अनुसार सभी छोटे किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा, वहीं उन्हें ब्याज मुक्त कर दिया जाएगा। वहीं गन्ना किसानों को फसल बेचने के 14 दिनों के अदंर उनका भुगतान करने का वादा बीजेपी ने किया है। पुलिस विभाग में 1.5 लाख खाली पदों को, संवैधानिक आरक्षण व्यवस्था का सम्मान करते हुए बिना जाति और धर्म के पक्षपात के, सिर्फ मेरिट के आधार पर भरा जाएगा। विभाग के रिक्त आरक्षित पदों को 1 साल के भीतर भरा जाएगा। इसके अलावा ग्रेड 3 और 4 की भर्तियों से इंटरव्यू समाप्त करने का वादा बीजेपी के संकल्प पत्र में किया गया है। वहीं एंटी-भूमाफिया टास्क फ़ोर्स का गठन कर भू-माफियाओं की कब्जे से जमीनों को मुक्त कराने अवैध खनन, भ्रष्टाचार के मामलों में स्पेशल टास्क फ़ोर्स के गठन समेत कई वादे बीजेपी के संकल्प पत्र में किए गए हैं, जिन्हें सीएम योगी को को अंजाम तक पहुंचाना है। आने वाले पांच साल में 70 लाख रोजगार और स्व-रोजगार के अवसर, प्रदेश की 90 प्रतिशत नौकरियों को प्रदेश के युवाओं के लिए आरक्षित करने, 90 दिनों के भीतर सभी रिक्त पदों पर भर्ती, हर घर के एक सदस्य को मुफ्त कौशल विकास प्रशिक्षण की व्यवस्था लागू करने की ज़िम्मेदारी भी योगी के कंधों पर है। सभी लड़कियों को अहिल्याबाई कन्या निशुल्क शिक्षा योजना के तहत ग्रेजुएट स्तर तक नि:शुल्क शिक्षा, सभी लड़कों के लिए 12वीं तक और कक्षा 12 में 50% से ज्यादा अंक लाने वाले लड़कों को ग्रेजुएट स्तर तक नि:शुल्क शिक्षा देने का वादा भी योगी पूरा करने में जुटे हैं। प्रदेश के हर गरीब परिवार में बेटी के जन्म पर 50 हजार का विकास बॉण्ड। बेटी के कक्षा 6 में पहुंचने पर 3 हजार, कक्षा 8 में पहुंचने पर 5 हजार, कक्षा 10 में पहुंचने पर 7 हजार और कक्षा 12 में पहुंचने पर 8 हजार दिए जाने का वादा भी सीएम योगी पूरा करने में जुटे है। 108 एम्बुलेंस सेवा का विस्तार और सुधार करके कॉल करने के 15 मिनट के भीतर आधुनिक एम्बुलेंस दूर दराज के इलाकों तक पहुंचाई जाएगी। हर गांव में आधुनिक सुविधा से लैस प्राथमिक उप-स्वास्थ्य केंद्र, हर ब्लॉक में जेनेरिक दवा देने वाले दवाखाने, प्रदेश में 25 नए मेडिकल कॉलेज और सुपर-स्पेशलिटी अस्पतालों के अलावा प्रदेश के 6 क्षेत्रों में 1 AIIMS स्तर का संस्थान भी खोले जाने की ज़िम्मदारी सीएम योगी के कंधो पर है। अखिलेश यादव ने प्रचार के दौरान यूपी 100 का काफी प्रचार किया था, जिसके जवाब में बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में इस सुविधा को बेहतर करने को कहा था। घोषणापत्र के मुताबिक फोन करने के 15 मिनट के अंदर पुलिस मौका-ए-वारदात पर मौजूद होगी। और हर इलाके में 24 घंटे बिजली आपूर्ति की जाएगी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तर्ज पर बीजेपी ने भी इस बार यूपी में फ्री वाई-फाई का वादा किया है, इसके साथ ही बीजेपी ने फ्री लैपटॉप के साथ 1 जीबी डेटा देने का भी वादा किया है। जिस वजह से प्रदेश के युवाओं की नजर इस फैसले पर टिकी हुई है।


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