अमेठी में सड़क घोटाला
उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री प्रदेश से भ्रष्टाचार
और घोटाले को खत्म करने के लिये भले ही मुहिम चलाई हो और अधिकारियो को कड़ाई से
पालन करने के आदेश दिये हों। लेकिन अमेठी के पीडब्लूडी के अधिकारी इस मुहिम पतीला
लगा रहे हैं। नई सरकार बन गई है लेकिन रवैया पुरानी सरकार वाला ही है और हो भी
क्यों ना। पांच साल से आदत जो पड़ी हुई है। यूपी के नौकरशाहों की शानों शौकत अलग
है ठाठ अलग है। शौक अलग। खाने के शौकीन यूपी के सपा सरकार के नेता और अधिकारियों
का जब सबकुछ खाने से मन नहीं भरा तो अमेठी में सड़के चाटने पर उतर आए। सत्ता की
चाशनी में लिपटे नेताओं और अधिकारियों सड़कों की गिट्टियां तक खरोंच खरोंच कर चाट
लीं। अब ये सड़के अपनी किस्मत को रही हैं। क्योंकि जिन सड़कों पर जनता चलने वाली
थी। वहीं ठोकर खाकर कब गिर जाए पता नहीं। सीएम योगी ने प्रदेश की सड़कों को गट्ढा
मुक्त करने का आदेश दिया तो अमेठी की असलियत सामने आ गई। अमेठी के गौरीगंज विधान
सभा क्षेत्र के सकरावा गांव मे सड़क बनाए गई और बनने से पहले ये सड़क इतिहास बन
जाने को मजबूर है क्य़ोंकि गिट्टयों से लकेर डामर तक सब डाला गया लेकिन जल्दी ये
मटेरियल कहां गायब हो गया किसी को नहीं पता। ग्रामीणो का आरोप है की गांव मे जिस
सड़का का काम हुआ, उसमे काफी आनियमता बरती गई। ना ही रोड की सफाई की गई और ना ही
मानक के हिसाब से रोड़ पर काली गिट्टी डाली गई। ग्रामीणो का आरोप ये भी है की इसी
सड़का को जो आधा काम चुनाव के पहले हुआ था वो अभी से जगह जगह उधड रही है। वहीं
बीजेपी नेता गोबिंद सिंह की माने तो यहां के विधायक और अधिकारियो के लिये ये कोई
नया मामला नहीं यहां पर पिछले पांच सालों में इतनी धांधली हुई है कि यहां पर जितने
भी टेंडर हुये है उसमे स्थानिय विधायक के भाई और करीबियों को ही मिले। वहीं इस
मामले पर जब अपर अभियंता आशुतोष सिंह से बात की गई तो आरोपो को सिरे से खारिज कर
दिया और कहा कि अगर कहीं ऐसा कुछ हो रहा है तो उसे दोबरा से सही कराया जायेगा।
कैमरे मे कैद सड़क की ये तस्वीरें खुद इस बात की गवाही दे रही हैं कि काम में
कितनी आनियमता बरती गई। जिस सड़क को बने अभी एक महीना भी नहीं पूरा हुआ वो इतिहास
बनने की कगार पर है।
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